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पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव की सजा पर लगी रोक के खिलाफ ICJ में दायर की याचिका, 6 हफ्तों के भीतर सुनवाई की अपील

कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है।

Updated on: 20 May 2017, 07:26 AM

highlights

  • कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है
  • इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी

New Delhi:

कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है।

भारत ने जाधव को फांसी की सजा को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में चुनौती दी थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी। पाकिस्तान मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने ICJ में पुनर्विचार याचिका दायर की है। याचिका में कोर्ट से छह हफ्तों के भीतर सुनवाई की मांग की है।

पाकिस्तान की दलील को खारिज करते हुए कोर्ट ने मामले की अंतिम सुनवाई तक जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी। फैसले के बाद पाकिस्तान की नवाज सरकार बैकफुट पर आ गई थी।

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भारत के पक्ष में फैसला आने के बाद पाकिस्तान ने कहा था कि यह पूरा मामला अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है। हालांकि इसके तत्काल बाद घर के भीतर बढ़ते दबाव को देखते हुए पाकिस्तान की सरकार ने इस मामले की पैरवी के लिए नई लीगल टीम का गठन किया था।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा, 'नई टीम पाकिस्तान का पक्ष मजबूती से रखेगी।' पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव मामले में पाक के लीगल टीम की मीडिया और विपक्ष आलोचना कर रहा है। उसका कहना है कि पाकिस्तानी लीगल टीम ने आईसीजे में मजबूती से अपना पक्ष नहीं रखा।

पाकिस्तान टुडे ने कहा है, 'वक्त आ गया है, जब पाकिस्तान को अपनी रणनीति की समीक्षा करनी चाहिए और आईसीजे में केस लड़ने के लिए नई लीगल टीम बनाई जाए।'

पाकिस्तान ने इंटरनेशल कोर्ट में इस मामले की छह महीने के भीतर सुनवाई पूरी किए जाने की अपील की है।

पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे भारत ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में चुनौती दी थी। भारत ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में पाकिस्तान के खिलाफ वियना संधि का उल्लंघन होने का आरोप लगाते हुए फैसले को चुनौती दी थी।

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