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पी चिदंबरम के दिग्‍गज वकीलों ने की भारी भूल, सुप्रीम कोर्ट से भी राहत मिलनी मुश्‍किल

दिग्‍गज वकीलों की फौज ने भारी गलती कर दी है, जिससे सुप्रीम कोर्ट से भी पी चिदंबरम को राहत मिलना मुश्‍किल प्रतीत हो रहा है.

Updated on: 21 Aug 2019, 02:01 PM

नई दिल्ली:

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की मुश्‍किलें अब बढ़ती जा रही हैं. उनकी ओर से दिग्‍गज वकीलों की फौज ने भारी गलती कर दी है, जिससे सुप्रीम कोर्ट से भी पी चिदंबरम को राहत मिलना मुश्‍किल प्रतीत हो रहा है. दरअसल, पी चिदंबरम की ओर से वकीलों ने जो याचिका दाखिल की है, उसमें कुछ गड़बड़ी सुप्रीम कोर्ट रजिस्‍ट्री ने पाई है. इसलिए मामला डिफेक्‍ट में चली गई है. सुप्रीम कोर्ट पी चिदंबरम के वकीलों से इस याचिका में सुधार के लिए कह सकता है. यदि ऐसा हुआ तो तत्‍काल राहत चाह रहे पी चिदंबरम के मामले में सुनवाई न केवल टल जाएगी, बल्‍कि उन्‍हें तात्‍कालिक राहत भी नहीं मिल पाएगी.

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हाल ही में जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका में सुधार करने को कहा था. उसी तरह पी चिदंबरम की याचिका में कुछ खामिया हैं, जो रजिस्ट्री में दाखिल की गई है. रजिस्ट्री ने याचिका को मुख्‍य न्‍यायाधीश के समक्ष मेंशन करने से इनकार कर दिया है. 

इससे पहले ईडी और सीबीआई की टीमों ने पी चिदंबरम के ड्राइवर से पूछताछ की. ड्राइवर ने कोई भी जानकारी होने से इनकार कर दिया. चिदम्बरम की लास्ट लोकेशन लोधी रोड के पास की मिली, जिसके बाद से उनका फोन बंद जा रहा है. उनके घर के अलावा कई जगहों पर उन्हें सर्च किया गया लेकिन अभी कुछ पता नहीं चला है.

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अब CBI और ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर कैविएट दाखिल कर दी है. कैविएट का मतलब यह होता है कि अदालत कैविएट दाखिल करने वाले का पक्ष सुने बिना कोई आदेश पारित नहीं कर सकती. ईडी ने पी चिदंबरम के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर नोटिस (look out circular Notice) जारी कर दिया है. इसका मतलब यह हुआ कि पी चिदंबरम विदेश जाने की कोशिश करेंगे तो एयरपोर्ट से उन्‍हें पकड़ा जा सकता है.