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चिदंबरम ने नागरिकता कानून पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा, दी आलोचकों से सवाल-जवाब की चुनौती

पूर्व गृहमंत्री ने यह भी कहा कि मोदी को अपने कुछ प्रमुख आलोचकों के सवालों का जवाब देने चाहिए ताकि लोग इस कानून को लेकर किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकें.

Updated on: 13 Jan 2020, 10:28 AM

highlights

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीएए पर आलोचकों से बात करने की सलाह.
सोमवार को ट्वीट कर एक बार फिर सीएए पर मोदी सरकार को घेरा.
इसके पहले भोले-भाले भारतीयों की आड़ में किया था सरकार पर हमला.

नई दिल्ली:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर अपने आलोचकों से बात नहीं करते. पूर्व गृहमंत्री ने यह भी कहा कि मोदी को अपने कुछ प्रमुख आलोचकों के सवालों का जवाब देने चाहिए ताकि लोग इस कानून को लेकर किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकें. इसके पहले चिदंबरम अर्थव्यस्था को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर रुख अपनाते आए हैं. विभिन्न अंग्रेजी अखबारों में लेख लिखने के साथ-साथ ट्वीट के माध्यम से निशाना साधा है.

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पांच आलोचकों से बात करें पीएम मोदी
चिदंबरम ने सोमवार को ट्वीट कर लिखा, 'प्रधानमंत्री कहते हैं कि सीएए नागरिकता लेने के लिए नहीं, बल्कि देने के लिए है. बहुत लोगों का मानना है कि सीएए एनपीआर और एनआरसी से जुड़ा हुआ है तथा यह बहुत लोगों को गैर नागरिक घोषित कर देगा और उनकी नागरिकता छीन लेगा.' चिदंबरम ने आरोप लगाया, 'प्रधानमंत्री अपने आलोचकों से बात नहीं कर रहे हैं. आलोचकों के पास प्रधानमंत्री से बात करने का अवसर नहीं है.' उन्होंने कहा, 'एक ही तरीका है कि प्रधानमंत्री अपने सबसे पांच मजबूत आलोचकों का चयन करें और टेलीविजन पर सवाल-जवाब हो. लोगों को चर्चा सुनने दें और सीएए पर निष्कर्ष तक पहुंचने दें.'

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पहले भारतीयों को भोला-भाला बताया
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भारतीयों को भोले-भाले लोग बताते हुए सरकार के दावों पर संदेह प्रकट किया था. उन्होंने कहा कि जैसे कि इन दावों पर यकीन किया गया कि देश के सभी गांवों में बिजली पहुंच गई है और भारत के 99 प्रतिशत परिवारों के लिये शौचालय बना दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा ही कुछ आयुष्मान भारत योजना (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना या पीएम-जेएवाई केंद्र की एक प्रमुख स्वास्थ्य देखभाल योजना है) के मामले भी हुआ.