INX Media Case: चिदंबरम पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई, गिरफ्तारी से कल तक राहत
INX Media Case: ED मामले में अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई
नई दिल्ली:
ED मामले में अग्रिम जमानत याचिका पर Supreme Court में सुनवाई जारी है. चिदंबरम ने कोर्ट में अर्जी दायर कर मांग की कि ED ने क्या सवाल पूछे हैं जिसका जवाब चिदंबरम ने नहीं दिया था. चिदंबरम की यह अर्जी इस आरोप पर लगाई गई है जिसमें ED ने आरोप लगाया है कि चिदंबरम सवालों का जवाब देने से बचते हैं. जस्टिस आर बनुमथी और ए एस बोपन्ना की शीर्ष अदालत की पीठ के समक्ष सुनवाई चल रही है.
पी. चिदंबरम के तरफ से कपिल सिब्बल ने चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने पूछताछ के टेप की मांग की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि यह साबित होगा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पूछताछ में कोऑपरेट कर रहे हैं या नहीं.
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और एएम सिंघवी, जो उनके खिलाफ INX मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की ओर से उनका पक्ष रख रहे थे. सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि प्रतिवादी ने "पूछताछ के टेप को सुरक्षित करने" के लिए एक आवेदन दायर किया था।
चिदंबरम के लिए अपील करते हुए, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि एजेंसी अदालत में दस्तावेजों को बेतरतीब ढंग से आरोपी की हिरासत की मांग नहीं कर सकती है. ईडी द्वारा दर्ज आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोमवार को अदालत ने चिदंबरम को दी गई गिरफ्तारी की समय सीमा बढ़ा दी गई है.
सिब्बल-अगर ट्रांसक्रिप्ट ये साबित कर दे कि वो पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दे रहे तो उनके खिलाफ केस बनता है. इसलिये चिंदबरम ने ट्रांसक्रिप्ट की मांग की है.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर उनके खिलाफ INX मीडिया मामले में "सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश" का आरोप लगाया, जिसका सीबीआई द्वारा भी इसी तरह की बातें कहीं जा रही थी. ईडी ने उन पर "विदेशी संपत्ति बेचने और बैंक खातों को बंद करने" के सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश करने का आरोप लगाया, जबकि सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता द्वारा दायर की गई दलीलों की सुनवाई की जा रही थी.
सिंघवी ने कपिल सिब्बल के साक्ष्य को अदालत में एक सीलबंद कवर में पेश करने के खिलाफ भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि आरोपी के सामने रखे गए प्रश्न और दिए गए उत्तर कोर्ट को बताए जाने चाहिए।
अभिषेक मनु सिंघवी ने मंगलवार को INX मीडिया मामले से संबंधित दायर याचिका में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बचाव में सबमिशन करते हुए, एडीएम जबलपुर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया।
निवारक निरोध पर एक प्वाइंट बनाते हुए, सिंघवी ने अदालत को बताया कि संदर्भित फैसले में, अदालत के समक्ष सामग्री का उत्पादन करने का उद्देश्य बिना पार्टी के इसे प्रस्तुत किए, पूछताछ की गई थी।
उन्होंने कहा, "यह (एडीएम जबलपुर) उस समय से एक मामला है जब मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था, आपातकाल की घोषणा की गई थी और आम तौर पर कर्टिंग की स्वतंत्रता पर अत्यधिक विचार करने के लिए निर्णय को बुरा कानून माना जाता है। यहां तक कि इस फैसले ने पूर्व आंशिक संचार के खिलाफ भी बात की। "
विरोधी पक्ष या उसके वकीलों की उपस्थिति के बिना मामले के बारे में एक न्यायाधीश और कानूनी हितधारक के बीच एक पूर्व पक्षीय संचार होता है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने "रेट्रोस्पेक्टिविटी" के एक तर्क पर भरोसा करते हुए कहा कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ ईडी और सीबीआई द्वारा लगाया गया धन शोधन निवारण अधिनियम के संशोधन (Prevention of Money Laundering Act) से पहले हुआ था, जिसे 2009 में अधिसूचित किया गया था।
पी चिदंबरम के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई और ईडी द्वारा उनके खिलाफ आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री की अग्रिम जमानत को खारिज करने के आदेश के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह आदेश "अपवित्रता और अपराध की गंभीरता के विकृत विचारों पर आधारित था"।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में, प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि चिदंबरम के कई देशों में बैंक खाते हैं. ED के अनुसार, INX मीडिया मामले में चिदंबरम और अन्य सह-अभियुक्तों के पास 12 देशों में संपत्ति है: अर्जेंटीना, ऑस्ट्रिया, ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड, फ्रांस, ग्रीस, मलेशिया, मोनाको, फिलीपींस, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन और श्रीलंका. अचल संपत्तियों के साथ, ईडी ने दावा किया कि आरोपियों के बैंक खाते भी हैं जो मुख्य रूप से शेल कंपनियों के माध्यम से संचालित किए गए थे.
सिब्बल ने कहा कि दिल्ली HC ने इस आधार पर अग्रिम जमानत रद्द कर दी कि मैं जांच में सहयोग नहीं कर रहा या फिर कानून से भाग रहा हूं. लेकिन मैं तो हमेशा पूछताछ के हाजिर होता हूं, जब मुझे बुलाया जाता है.
सिब्बल ने दलील दी कि अगर सीबीआई के मन मुताबिक चिंदबरम जवाब नहीं दे रहे तो इसका मतलब ये नही कि वो जांच से बच रहे है.
सिब्बल ने आगे कहा कि बार-बार इस केस में अपराध की गम्भीरता का हवाला दिया जा रहा है, हाई कोर्ट के जज ने भी अपनी फैसले में इस बात का जिक्र किया है. लेकिन गम्भीरता बड़ी सब्जेक्टिव टर्म है. CRPC में 7 साल तक की सज़ा को कम गम्भीरता वाला अपराध माना जाता है.
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अग्रिम ज़मानत रद्द करने का तीन आधार है. जांच में असहयोग , क़ानून से भागना,सबूतों से छेड़छाड़. ये तीनो ही फैक्टर यहां उपलब्ध नहीं है. चिंदबरम हमेशा बुलाने पर पूछताछ के लिए हाजिर होते रहे है, वो हर सवाल का जबाव दे रहे है, बस सीबीआई के मन मुताबिक भाषा नही बोल रहे. यहां कस्टडी पर लेने का एकमात्र एक ही मकसद है, परेशान करना और सिर्फ परेशान करना. इसके अलावा और कुछ नहीं.
चिदंबरम की ओर से सिंघवी और कपिल सिब्बल की दलीले पूरी. कल दोपहर दो बजे सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता अपनी दलीले रखेंगे.
पी चिंदबरम की ओर से दो एप्लीकेशन रिकॉर्ड पर रखी गई है. एक में उन्होंने सीबीआई रिमांड बढ़ाये जाने के आदेश को चुनौती दी है. दूसरे में उन्होंने पूछताछ की ट्रांस स्क्रिप्ट की मांग की है.
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता कल दोनो एप्लीकेशन पर जवाब देंगे. कल तक ED केस में चिंदबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक बरकरार रहेगी.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Chanakya Niti: चाणक्य नीति क्या है, ग्रंथ में लिखी ये बातें गांठ बांध लें, कभी नहीं होंगे परेशान
-
Budhwar Ganesh Puja: नौकरी में आ रही है परेशानी, तो बुधवार के दिन इस तरह करें गणेश जी की पूजा
-
Sapne Mein Golgappe Khana: क्या आप सपने में खा रहे थे गोलगप्पे, इसका मतलब जानकर हो जाएंगे हैरान
-
Budhwar Ke Upay: बुधवार के दिन जरूर करें लाल किताब के ये टोटके, हर बाधा होगी दूर