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सुबह कोर्ट से मिले झटके बाद अब पी चिदंबरम और कार्ती चिदंबरम को मिली बड़ी राहत

दोनों को 1-1 लाख के मुचलके पर जमानत अग्रिम जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा है कि वे जांच एजेंसियों का सहयोग करें.

Updated on: 05 Sep 2019, 02:28 PM

नई दिल्‍ली:

एयरसेल-मैक्सिस मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट ने पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ती चिदंबरम को बड़ी राहत दी है. दोनों को 1-1 लाख के मुचलके पर जमानत अग्रिम जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा है कि वे जांच एजेंसियों का सहयोग करें. बता दें पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ती चिदंबरम के खिलाफ एयरसेल-मैक्सिस मामले में मुकदमा चल रहा है. इसमें उन पर मनी लॉन्डरिंग का आरोप है. सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज इस मामले में पी चिदंबरम और उनके बेटे की जमानत संबंधी याचिकाएं निचली अदालत में लंबित हैं. सीबीआई इस मामले में बीते साल जुलाई में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है और इसमें पिता-पुत्र दोनों का नाम है.

इससे पहले आज INX मीडिया के ED वाले केस में चिंदबरम की अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज कर दी गई है. कोर्ट में ED ने सीलबंद कवर में सबूत रखे. सुप्रीम कोर्ट के न्‍यायाधीशों ने कहा कि हमने उन पर गौर किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ज़मानत अर्जी पर विचार करते हुए कोर्ट सीलबंद कवर में सबूतों को देख सकता है पर इस केस में हमने ऐसा करने से परहेज किया. इसके बाद पी चिदंबरम की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई. यानि ED वाले केस में भी ED चाहे तो चिंदबरम को गिरफ्तार कर सकती है. 

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पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्तीचिदंबरम के खिलाफ एयरसेल- मैक्सिस मामले को स्थगित करने से इंकार कर दिया था. एजेंसियों ने आईएनएक्स मीडिया मामले की सुनवाई उच्चतम न्यायलय में लंबित होने का हवाला देते हुए स्थगन की मांग की थी. विशेष न्यायाधीश ओ. पी. सैनी ने लगातार स्थगन की मांग कर रही एजेंसियों को फटकार लगाते हुए कहा था, मेरे लिए चीजें काफी अजीबोगरीब हो गई हैं.

इसके बाद अदालत ने चिदंबरम की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने कहा था मामले को स्थगित करने के एजेंसियों के आवेदन में मुझे कोई विशेषता नहीं दिख रही है. आप (सीबीआई, ईडी) रोजाना स्थगन क्यों चाहते हैं? आप इस तरह के तर्क एक वर्ष से दे रहे हैं. इसने कहा, 'चीजें मेरे लिए काफी अजीबोगरीब हो गई हैं. आप रोजाना स्थगन मांग रहे हैं. बता दें की दोनों एजेंसियों ने अदालत की कार्यवाही के दौरान आरोप लगाया था कि चिदंबरम और कार्तीजांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. जांच एजेंसियों ने पिता-पुत्र की तरफ से दायर अग्रिम जमानत याचिकाओं का भी विरोध किया था.

जांच एजेंसियों का कहना था कि चिदम्बरम ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए अपने अधिकार से अधिक एयरसेल-मैक्सिस सौदे को अनुमति दी, जिससे कुछ लोगों को लाभ पहुंचा. दोनों जांच एजेंसियों ने कहा था कि वह पिता और पुत्र को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है और अदालत से इसकी अनुमति चाहती है. अतिरिक्त सालिसिटर जनरल के एम नटराज ने अदालत के समक्ष कहा था कि वह बंद लिफाफे में मामले से संबंधित कुछ दस्तावेज पेश करना चाहते हैं, जिनमें इस मामले से जुड़े कुछ और सबूत हैं. बचाव पक्ष की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने इसका विरोध किया था. ईडी ने कहा था कि चिदंबरम धन शोधन, फर्जी कंपनियों के गठन और अन्य अपराधों में आरोपी हैं. जांच एजेंसी के पास ऐसे कई सबूत हैं, जो श्री चिदम्बरम और उनके पुत्र कार्तीके धन शोधन के मामले में संलिप्त रहे हैं. यह साक्ष्य दोनों को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त हैं.

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ईडी एयरसेल-मैक्सिस मामले में मनीलॉन्डरिंग के एक अलग मामले की भी जांच कर रहा है. यह मामला उसने पिछले साल दर्ज किया था. इस मामले में एजेंसी पी चिदंबरम से पूछताछ कर चुकी है और उनकी अग्रिम जमानत याचिका लंबित है. ईडी का आरोप है कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम केवल 600 करोड़ रुपए तक के निवेश को ही मंजूरी दे सकते थे. लेकिन उन्होंने इस नियम का उल्लंघन किया और ज्यादा बड़े निवेश को मंजूरी देने से पहले उसे विचार के लिए आर्थिक मामलों से जुड़ी कैबिनेट कमेटी के पास नहीं भेजा.

बता दें एयरसेल-मैक्सिस मामला एयरसेल कंपनी में निवेश के लिए ग्लोबल कम्युनिकेशन होल्डिंग सर्विसेज फर्म को एफआईपीबी मंजूरी दिलाने से जुड़ा है. चिदंबरम पर आरोप है कि 2006 में वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने एयरसेल में 3,650 करोड़ रुपए के विदेशी निवेश को अवैध मंजूरी दिलाई. इसके बदले उन्हें और अन्य आरोपितों को कुल 1.16 करोड़ रुपए का अनुचित लाभ मिला.

इन मामलों में भी हैं आरोपी

एयर इंडिया के लिए विमानों की खरीद

ईडी ने पी चिदंबरम से एयर इंडिया के लिए विमानों की खरीद से जुड़े एक मामले की जांच में सहयोग करने को भी कहा है. इस मामले में चिदंबरम के पूर्व मंत्रिमंडलीय सहयोगी प्रफुल पटेल से भी जांच एजेंसी ने पूछताछ की थी. आरोप है कि यूपीए के शासनकाल के दौरान एयर इंडिया के लिए किए गए 111 विमानों के सौदे का मकसद विदेशी विमान विनिर्माण कंपनियों को फायदा पहुंचाना था. ईडी ने अक्टूबर 2018 में इस सिलसिले में मनी लॉन्डरिंग सहित कई मामले दर्ज किए थे. सीएजी ने भी 2011 में 70,000 करोड़ रुपये के इस सौदे के औचित्य पर सवाल उठाया था.

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सारदा चिटफंड

चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम के खिलाफ सीबीआई सारदा चिटफंड घोटाले में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है. इस मामले में उन पर 1.4 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है. इसी साल फरवरी में कलकत्ता हाई कोर्ट ने उन्हें मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी.

कालाधन मामला

इसके अलावा मद्रास हाई कोर्ट ने पी चिदंबरम, नलिनी, कार्ती और कार्ती की पत्नी श्रीनिधि पर काला धन (अज्ञात विदेशी आय एवं परिसंपत्ति) और कर अधिनियम, 2015 के तहत मुकदमा चलाने के लिए पिछले साल नवंबर में आयकर विभाग द्वारा जारी आदेश रद्द कर दिया था. इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. फिलहाल यह मामला लंबित है.

होटल पर कब्जे का मामला

सीबीआई ने इन आरोपों की भी प्राथमिक जांच शुरू की है कि पी चिदंबरम के एक रिश्तेदार ने तमिलनाडु में एक होटल इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) के अधिकारियों की कथित मिलीभगत से हड़प लिया है.

इशरत जहां केस में हलफनामे में छेड़छाड़ का आरोप 

साथ ही चिदंबरम के खिलाफ इशरत जहां मामले से जुड़े एक हलफनामे में कथित छेड़छाड़ करने से संबंधित शिकायत भी दिल्ली पुलिस में लंबित है. आरोप है कि जब हलफनामे में छेड़छाड़ की गई थी तब वे देश के गृह मंत्री थे.