सिख दंगे के दोषियों को NDA सरकार ने दिलाई सजा, राजीव गांधी के बयान पर माफी मांगे कांग्रेस: रविशंकर
रविशंकर प्रसाद ने कहा, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने इस मसले पर दुख जताया लेकिन कभी माफी नहीं मांगी है.
नई दिल्ली:
1984 सिख दंगों में करीब 34 साल बाद दोषियों को सजा मिलने के बाद कंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दंगे के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताते हुए जमकर हमला बोला. रविशंकर प्रसाद ने कहा विषय गंभीर और संवेदनशील दोनों है. उन्होंने कहा, 'राजीव गांधी ने कहा था कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है. कांग्रेस ने आज तक राजीव गांधी के उस बयान से खुद को कभी अलग नहीं किया है'.
रविशंकर प्रसाद ने कहा, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने इस मसले पर दुख जताया लेकिन कभी माफी नहीं मांगी है. फैसले पर एनडीए सरकार की तारीफ करके हुए प्रसाद ने कहा, सिखों को न्याय दिलाने में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने बड़ा कदम उठाया था और एसआईटी का गठन किया था.
कांग्रेस पर इस दंगों को लेकर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, रंगनाथ मिश्रा कमीशन बनाया और उन्होंने कहा ये ऑर्गनाइज क्राइम नहीं है. बदले में नौकरी के बाद उन्हें राज्यसभा भेज दिया गया. इसके बाद कपूर मित्तल कमेटी बनी जिन्होंने 72 पुलिसकर्मियों को इसके लिए दोषी पाया लेकिन किसी को सजा नहीं हुई.
प्रसाद ने कहा लेकिन इसके बाद हमारी सरकार ने नानावती कमीशन बनाया और इस कमीशन ने इस दंगे में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ सबूत पाए. हमारी सरकार ने इस पर एसआईटी का गठन किया और दोषियों को सजा हुई. हमारी सरकार इस मसले पर कोई दखलंदाजी नहीं करेगी ताकि सिखों के जख्म पर मरहम लग सके.
बीजेपी ने 1984 सिख दंगे पर कांग्रेस से पूछे तीन तीखे सवाल
रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि सिख दंगा मामले में कांग्रेस ने सुनियोजित तरीके से न्याय नहीं होने दिया. रविशंकर प्रसाद ने इस दंगे को लेकर कांग्रेस से तीन कड़े सवाल भी पूछे. रविशंकर प्रसाद ने पहला सवाल पूछा कि क्या कांग्रेस इस पर राजीव गांधी के दिए बयान से खुद को अलग करते हुए माफी मांगती है. दूसरा सवाल प्रसाद ने यह पूछा कि कांग्रेस ने 25 सालों तक पीड़ति सिख परिवारों को न्याय दिलाने के लिए क्या किया और उन्होंने आखिरी सवाल यह पूछा कि जो कमलनाथ इन दिनों चर्चा में है उनकी भी भूमिका की जांच हो रही है फिर उन्हें पंजाब के प्रभारी पद से क्यों हटाया गया.
एक दिन पहले ही आया था फैसला
1984 सिख विरोधी दंगों के लिए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को दोषी यशपाल को फांसी और नरेश सहरावत को उम्रकैद की सजा सुनाई. मामले में 34 साल बाद अपना फैसला सुनाया. इससे पहले 14 नवंबर को कोर्ट ने दो दोषियों नरेश सहरावत और यशपाल सिंह को दोषी करार दिया था. सजा के ऐलान से पहले कोर्ट के बाहर भीड़ जमा हो गई थी. कोर्ट ने दिल्ली के महिपालपुर में हरदेव सिंह और अवतार सिंह की हत्या पर अपना फैसला दिया. दोषियों नरेश सहरावत और यशपाल सिंह पर आरोप है कि एक ने केरोसिन छिड़का और दूसरे ने आग लगा दी थी.
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