बीजेपी को लेकर हिरासत में भिड़ गए उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती
दोनों इस बात को लेकर झगड़ पड़े कि भारतीय जनता पार्टी को जम्मू-कश्मीर में कौन लेकर आया.
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने से पहले हिरासत में लिए गए पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती आपस में उलझ गए. हिरासत में ही दोनों के बीच विवाद बढ़ गया. बाद में दोनों को अलग करना पड़ा. दोनों इस बात को लेकर झगड़ पड़े कि भारतीय जनता पार्टी को जम्मू-कश्मीर में कौन लेकर आया. अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को पिछले हफ्ते हरि निवास महल में हिरासत में रखा गया था. अधिकारियों ने बताया है कि इस दौरान दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि उन्हें अलग-अलग करना पड़ा. बताया जा रहा है कि दोनों इस बात के लिए लड़ रहे थे कि भारतीय जनता पार्टी को जम्मू-कश्मीर में कौन लेकर आया.
यह भी पढ़ें : ईद की खुशियां नहीं, महंगाई का मातम मना रहा कंगाल पाकिस्तान
महबूबा मुफ्ती पर चिल्ला पड़े उमर अब्दुल्ला
दरअसल दोनों में बीजेपी को लेकर चल रही बहस में उमर अब्दुल्ला महबूबा मुफ्ती पर चिल्ला पड़े. अब्दुल्ला ने कहा, मुफ्ती मोहम्मद सईद ने बीजेपी से 2015 में गठबंधन किया था. इस पर दोनों नेताओं के बीच जमकर कहासुनी हुई. दोनों के बीच झगड़ा होते देख वहां का स्टाफ भी भौंचक रह गया. पीडीपी चीफ महबूबा ने उमर अब्दुल्ला को भी जमकर खरी-खोटी सुनाई.
यह भी पढ़ें : कश्मीर में शांतिपूर्ण ढंग से हुई ईद की नमाज, सरकार ने किए खास इंतजाम
मुफ्ती ने अब्दुल्ला के बाप-दादा को भी घसीटा
महबूबा ने उमर अब्दुल्ला को याद दिलाया कि फारूक अब्दुल्ला अटल बिहारी वाजपेयी के समय में बीजेपी से गठबंधन किया था और बाप-बेटे उनकी सरकार में मंत्री भी रहे थे. एक अधिकारी अनुसार, महबूबा मुफ्ती ने अब्दुल्ला से जोर से कहा, आप तो वाजपेयी सरकार में विदेश मामलों के जूनियर मिनिस्टर थे.' महबूबा ने उमर के दादा शेख अब्दुल्ला को भी 1947 में जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया.
दोनों के बीच विवाद बढ़ने के बाद अफसरों ने तय किया कि दोनों को अलग रखा जाएगा. उसके बाद उमर अब्दुल्ला को महादेव पहाड़ी के पास चेश्माशाही में वन विभाग के भवन में तो महबूबा हरि निवास महल में ही रह रही हैं. बता दें कि हरि निवास महल आतंकियों से पूछताछ के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जगह के रूप में जाना जाता है.
यह भी पढ़ें : गिलगित-बाल्टिस्तान क्यों है भारत के लिए जरूरी, इस पर थी पूरी दुनिया की नजर
दोनों को जेल के मुताबिक मिल रहा खाना
दोनों नेताओं को जेल के नियमों और उनके ओहदों के हिसाब से खाना दिया जा रहा है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि महबूबा ने ब्राउन बेड खाने की इच्छा जताई थी, लेकिन जेल के मेन्यू में न होने के कारण वह दी नहीं जा सकी.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Chanakya Niti: चाणक्य नीति क्या है, ग्रंथ में लिखी ये बातें गांठ बांध लें, कभी नहीं होंगे परेशान
-
Budhwar Ganesh Puja: नौकरी में आ रही है परेशानी, तो बुधवार के दिन इस तरह करें गणेश जी की पूजा
-
Sapne Mein Golgappe Khana: क्या आप सपने में खा रहे थे गोलगप्पे, इसका मतलब जानकर हो जाएंगे हैरान
-
Budhwar Ke Upay: बुधवार के दिन जरूर करें लाल किताब के ये टोटके, हर बाधा होगी दूर