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खुशखबरी, अब सरकारी अस्पतालों में शाम को भी मिलेगी ओपीडी सुविधा

विभागीय निदेशकों और अधीक्षकों के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है, जिसका संचालन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के सहयोग से होगा.

Updated on: 30 Jul 2019, 07:32 PM

highlights

  • प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत करने का प्रयास
  • शाम को भी सरकारी अस्पतालों में मिलेगी OPD सुविधाएं
  • शाम की शिफ्ट में 20 मरीज देखें जाएंगे

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में शाम को भी ओपीडी सुविधा मिल सकेगी. डाक्टरों की कमी और मरीजों की अधिकता को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है. इसे पहले कानपुर के उर्सला अस्पताल में प्रयोग के तौर पर चलाया जाएगा, जिसके बाद पूरे प्रदेश में यह सुविधा मिलने लगेगी. विभागीय निदेशकों और अधीक्षकों के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है, जिसका संचालन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के सहयोग से होगा. उप्र के डीजी हेल्थ डॉ़ पद्माकर सिंह ने बताया, "मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए सरकारी अस्पतालों में शाम के समय ओपीडी को संचालित किया जाना है. पहले चरण में इसे कानपुर में चलाया जाएगा. अच्छे ढंग से संचालित होने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा. इसके लिए 11 निदेशकों की एक टीम गठित की गई है, जो सारी व्यवस्था को देखेगी." 

उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत कानपुर के उर्सला अस्पताल से होगी. प्रयोग के तौर पर यहां तीन माह ओपीडी चलेगी. सांध्य ओपीडी में सिर्फ 20 मरीज ही देखे जाएंगे. इसके लिए विशेषज्ञ डक्टर रहेंगे, जिन्हें प्रति घंटे के हिसाब से एक से डेढ़ हजार रुपए तक मानदेय दिया जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि शाम की ओपीडी के मरीजों को शुल्क देना होगा. सुबह की ओपीडी में आने वाले मरीज को शाम की ओपीडी में विशेषज्ञ डक्टर के पास रेफर किए जाने के बाद 10 रुपए का पर्ची शुल्क देना होगा, जबकि बिना रेफर हुए सीधे जाने पर मरीज को 200 रुपए देने होंगे. 

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प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ सिंह ने कहा, "प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत करने के लिए राज्य सरकार नया प्रयोग करने जा रही है. अब आईएमए के सहयोग से सभी सरकारी अस्पतालों में शाम और अवकाश के दिनों में भी ओपीडी चलेगी. ओपीडी में मरीजों से मिलने वाली फीस से डॉक्टरों को भुगतान किया जाएगा. इसकी शुरुआत कानपुर में उर्सला अस्पताल से की जाएगी." 

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स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा, "विभाग के आला अधिकारी, जिलाधिकारी और आईएमए विमर्श कर एक खाका (ब्लू प्रिंट) उनके पास भेजेंगे. उसके बाद इसे कैबिनेट में रखकर पास कराया जाएगा. इलाज में मांग-आपूर्ति का अनुपात बिगड़ गया है. ऐसे में आईएमए का प्रस्ताव प्रदेश में चिकित्सा सेवाएं बेहतर करने में मील का पत्थर साबित होगा." ज्ञात हो कि कुछ साल पहले भी सरकारी अस्पतालों में शाम की ओपीडी चलती थी. मगर बाद में इसे बंद कर दिया गया था. अब इसका संचालन फिर से किया जाना है, जिससे मरीजों को निश्चित तौर पर राहत मिलेगी.

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