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भारत ने इजरायल से रद्द किया स्पाइक मिसाइल सौदा, अब डीआरडीओ बना कर देगा टैंक रोधी मिसाइल

भारत ने इजरायल से 500 मिलियन डॉलर का एंटी टैंक स्पाइक मिसाइल सौदा रद्द कर दिया है. यह कदम डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के इस आश्वासन पर उठाया गया है कि दो सालों के भीतर देशी तकनीक से निर्मित एंटी टैंक मिसाइल सेना के सुपुर्द कर दी जाएगी.

Updated on: 24 Jun 2019, 02:42 PM

highlights

  • भारत ने इजरायल से 500 मिलियन डॉलर का स्पाइक मिसाइल सौदा किया रद्द.
  • डीआरडीओ भी स्पाइक जैसी एंटी टैंक रोधी मिसाइल प्रणाली पर कर रहा है काम.
  • 2021 तक डीआरडीओ सुपुर्द कर देगा भारतीय सेना को टैंक रोधी मिसाइल.

नई दिल्ली.:

भारत ने इजरायल से 500 मिलियन डॉलर का एंटी टैंक स्पाइक मिसाइल सौदा रद्द कर दिया है. यह कदम डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के इस आश्वासन पर उठाया गया है कि दो सालों के भीतर देशी तकनीक से निर्मित एंटी टैंक मिसाइल सेना के सुपुर्द कर दी जाएगी. इस घटनाक्रम से परिचित सूत्रों के मुताबिक इस बारे में इजरायल को अवगत भी करा दिया गया है. बताते हैं कि डीआरडीओ वीईएम टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर कम लागत वाली स्पाइक जैसी ही खूबियों वाली एंटी टैंक मिसाइल पर काम कर रहा है.

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मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना भी मकसद
रक्षा सूत्रों के मुताबिक सरकार ने मेक इन इंडिया और देशी उपक्रमों को प्रोत्साहित करने के लिए भी यह कदम उठाया है. डीआरडीओ फिलहाल एमपीएटीजीएम मिसाइल तकनीक पर काम कर रहा है. इस मिसाइल पर दूसरे दौर के परीक्षण सफल रहे हैं. इस मिसाइल का पिछला परीक्षण बीते साल सितंबर में अहमदनगर में किया गया था. डीआरडीओ जिस मिसाइल तकनीक पर काम कर रहा है वह मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल है.

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समय बचेगा और लागत भी कम आएगी
हालांकि रक्षा मंत्रालय में ही कुछ अधिकारी डीआरडीओ के निश्चित समय सीमा और तकनीकी दक्षता के साथ विकसित करने के दावे को संशय की नजर से भी देख रहे हैं. इसके बावजूद मेक इन इंडिया उपक्रम के कारण रक्षा मंत्रालय ने इजरायल से सौदा रद्द कर डीआरडीओ को मौका देने का मन बनाया है. रक्षा मंत्रालय को लगता है कि समय लेने वाली निर्यात प्रक्रिया से बेहतर है कि देश में ही रक्षा अनुसंधान के जरिए सामरिक लिहाज से जरूरी हथियारों की निर्माण किया जाए.

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राफेल पर विवाद के बाद बैकफुट पर थी केंद्र सरकार
गौरतलब है कि राफेल युद्धक विमान सौदे पर खड़े हुए विवाद के बाद रक्षा मंत्रालय ने राफेल से स्पाइक मिसाइल की खरीदने की प्रक्रिया को टाल दिया था. फ्रांसीसी विमान कंपनी द्वारा निर्मित राफेल पर सौदे को लेकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अच्छा खासा हंगामा बरपाया था. उस वक्त यह कहा गया है कि स्पाइक मिसाइल को लेकर भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल और परीक्षण किए जाने की जरूरत है. खासकर भारत जैसे गर्म देश में स्पाइक का इंफ्रारेड सिस्टम कहां तक प्रभावी रहेगा.

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2021 तक सेना को मिलेगी देशज एंटी टैंक मिसाइल
अब डीआरडीओ ने 2021 तक एमपीएटीजीएम मिसाइल भारतीय सेना के सुपुर्द करने की बात कही है. राफेल ने भी इसी समय स्पाइक मिसाइल सुपुर्द करने की बात कही थी. बताते हैं कि भारत ने अक्टूबर 2014 में इजरायल से 321 स्पाइक लांचर्स और 8,356 स्पाइक मिसाइल का सौदा किया था. भारत ने अमेरिका की एफजीएम-148 मिसाइलों की तुलना में स्पाइक मिसाइलों को तरजीह दी थी. हालांकि बाद में दिसंबर 2017 में यह सौदा रद्द कर दिया गया. यहअलग बात है कि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यानहू की जनवरी 2018 में भारत यात्रा के दौरान इस सौदे को फिर से मूर्त रूप दिया गया.