सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कोई नीतिगत फैसला नहीं करेंगे अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव
सीबीआई में मचे घमासान पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में निदेशक आलोक वर्मा और कॉमन कॉज के प्रशांत भूषण की याचिकाओं पर सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई के प्रभारी निदेशक एम नागेश्वर राव तब तक कोई नीतिगत फैसला नहीं करेंगे, जब तक सुप्रीम कोर्ट इस पूरे मामले पर कोई फैसला नहीं ले लेती.
नई दिल्ली:
सीबीआई में मचे घमासान पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में निदेशक आलोक वर्मा और कॉमन कॉज के प्रशांत भूषण की याचिकाओं पर सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई के प्रभारी निदेशक एम नागेश्वर राव तब तक कोई नीतिगत फैसला नहीं करेंगे, जब तक सुप्रीम कोर्ट इस पूरे मामले पर कोई फैसला नहीं ले लेती. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, सीवीसी और राकेश अस्थाना को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है. 12 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ में हुई.
The new CBI director M Nageshwar Rao will not take any policy decisions till Supreme Court hears the matter again: CJI Ranjan Gogoi pic.twitter.com/dvBHS7X700
— ANI (@ANI) October 26, 2018
कोर्ट ने शुरुआती सुनवाई में कहा कि सीवीसी को इस पूरे मामले की जांच फिर करनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी से 10 दिन में जांच करने की बात कही तो सीवीसी ने कहा कि 10 में जांच संभव नहीं है. कोर्ट ने कहा कि दो हफ्ते में जांच पूरी होनी चाहिए. वहीं, कोर्ट ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजे जाने के बारे में कुछ नहीं कहा.
Supreme Court issues notice to CVC, the Centre and CBI Special Director Rakesh Asthana on their pleas; Next date November 12. pic.twitter.com/6Aok0uBtwx
— ANI (@ANI) October 26, 2018
कोर्ट ने आज यह भी साफ किया कि कार्यकारी निदेशक एम नागेश्वर राव कोई भी नीतिगत फैसले नहीं ले पाएंगे. उल्लेखनीय है कि कोर्ट में फली नरीमन आलोक वर्मा का पक्ष रखे हैं. उन्होंने 1997 के विनीत नारायण मामले में दिए गए फैसले का हवाला भी दिया. इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर का कार्यकाल कम से कम 2 साल तय किया था. नरीमन में कहा कि बिना कानूनी प्रकिया के पालन किये आलोक वर्मा को हटाने का आदेश जारी कर दिया गया. नरीमन ने DOPT और CVC के आदेश का हवाला दिया. कोर्ट ने रिटायर्ट जज एके पटनायक को इस जांच की निगरानी करने के लिए नियुक्त किया.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी