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अब जीवित नहीं बचा दिल्‍ली का कोई भी पूर्व मुख्‍यमंत्री

दिल्‍ली की पूर्व मुख्‍यमंत्री और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज के निधन से राजनीति के एक युग का अवसान हो गया. दुखद तथ्‍य यह है कि सुषमा के निधन के साथ ही अब दिल्‍ली का कोई भी पूर्व मुख्‍यमंत्री जीवित नहीं बचा है.

Updated on: 07 Aug 2019, 07:56 AM

नई दिल्‍ली:

दिल्‍ली की पूर्व मुख्‍यमंत्री और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज के निधन से राजनीति के एक युग का अवसान हो गया. दुखद तथ्‍य यह है कि सुषमा के निधन के साथ ही अब दिल्‍ली का कोई भी पूर्व मुख्‍यमंत्री जीवित नहीं बचा है. निराशाजनक यह भी है कि पिछले एक महीने में ही दिल्‍ली ने अपने दो पूर्व मुख्‍यमंत्रियों को खो दिया. यहां यह भी अजब संयोग ही है कि दिल्‍ली की मुख्‍यमंत्री रही दो महिलाओं का निधन करीब-करीब एक ही तरह से हुआ. सुषमा के निधन से ठीक 17 दिन पहले ही शीला दीक्षित का निधन हुआ था. 

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पहले दिल्‍ली विधानसभा अंतरिम हुआ करती थी. साल 1952 से 1956 तक दो मुख्‍यमंत्री रहे, 17 मार्च 1952 से 12 फरवरी 1955 तक दो साल 332 दिन तक चौधरी ब्रह्म प्रकाश यादव दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री रहे. इसके बाद 12 फरवरी 1955 से एक नवंबर 1956 तक एक साल 263 दिन तक गुरुमुख निहाल सिंह मुख्‍यमंत्री रहे. इसके बाद 1956 से साल 1993 तक मुख्‍यमंत्री का कार्यकाल समाप्‍त कर दिया गया.

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इसके बाद साल 1993 में दिल्‍ली में विधानसभा चुनाव हुए. भाजपा की ओर से मदन लाल खुराना मुख्‍यमंत्री बने. उन्‍हें चुनी हुई सरकार का पहला मुख्‍यमंत्री भी कहा जाता है. वे दो दिसंबर 1993 से 26 फरवरी 1996 तक दो साल 86 दिन तक दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री रहे. इसके बाद साहिब सिंह वर्मा ने मुख्‍यमंत्री की गद्दी संभाली. वे 26 फरवरी 1996 से 12 अक्‍टूबर 1998 तक दो साल 228 दिन तक मुख्‍यमंत्री रहे. वर्मा के बाद सुषमा स्‍वराज ने दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री का पद संभाला. वे 12 अक्‍टूबर 1998 से तीन दिसंबर 1998 तक करीब 52 दिन की मुख्‍यमंत्री रहीं, लेकिन दिल्‍ली की पहली महिला मुख्‍यमंत्री होने का गौरव सुषमा को हासिल हो गया.
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इसके बाद हुए चुनाव में भाजपा की हार हुई और कांग्रेस की सरकार बनी. कांग्रेस की ओर से शीला दीक्षित दिल्‍ली की मुख्‍यमंत्री बनीं. वे पहली बार तीन दिसंबर 1998 से एक दिसंबर 2003 तक, एक दिसंबर 2003 से 29 अक्‍टूबर 2008 तक और फिर से 29 अक्‍टूबर 2008 से 28 दिसंबर 2013 तक लगातार तीन बार दिल्‍ली की मुख्‍यमंत्री रहीं. लगातार तीन बार मुख्‍यमंत्री रहने का रिकार्ड भी शीला दीक्षित के ही नाम है. फिलवक्‍त मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल बतौर मुख्‍यमंत्री अपने दो कार्यकाल पूरे कर चुके हैं. इस तरह से दिल्‍ली ने अब तक सात मुख्‍यमंत्री देखे, उसमें से छह पूर्व हो चुके मुख्‍यमंत्री अब नहीं रहे. दो महिला मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित और सुषमा स्‍वराज का तो कुछ ही दिन के अंतराल में निधन हुआ.