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डिजिटल भुगतान में अव्वल लोगों पर ईनामों की बौछार, सरकार ने खर्च किए 117 करोड़ रु

ऑनलाइन भुगतान के लिए सरकार ने अब तक 117 करोड़ रुपये बांटे हैं जिसके तहत 7.6 लाख लोगों को ईनाम दिए जा चुके हैं।

Updated on: 09 Feb 2017, 06:13 PM

नई दिल्ली:

सरकार ने डिजिटल भुगतान के मामले में अव्वल आने वाले लोगों को ईनाम देने शुरु कर दिए हैं। ऑनलाइन भुगतान के लिए सरकार ने अब तक 117 करोड़ रुपये बांट दिए हैं जिसके तहत 7.6 लाख लोगों को ईनाम दिए जा चुके हैं।

यह जानकारी नीति आयोग ने दी है। नीति आयोग ने बताया है कि सरकार ने डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए जारी की गई दो योजनाओं लकी ग्राहक योजना और डिजिधन व्यापार योजना के तहत 7 फरवरी 2017 तक 117.4 करोड़ रुपये ईनाम के तौर पर दिए हैं।

नीति आयोग ने बताया कि इन योजनाओं में सभी वर्गों के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। आयोग ने बताया है कि इस योजना में महिलाओं और पुरुषों दोनों ने ही सक्रिय रूप से हिस्सा लिया है। इन आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे 5 राज्यों से सबसे ज़्यादा लोगों ने ईनाम जीते हैं।

आयोग के मुताबिक इनमें से ज़्यादातर ईनाम पाने वाले लोग 21-30 वर्ष की उम्र के हैं। साथ ही बड़ी उम्र के लोगों ने भी डिजिटल पेमेंट के लिए बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है। जिससे यह बात साबित होती है कि बड़ी उम्र के लोगों के लिए भी डिजिटल अर्थव्यवस्था को अपनाने की दिशा में कोई दिक्कत नहीं है।

यह दोनों ही योजनाएं 25 अप्रैल 2016 को शुरू हुई थीं जोकि 14 अप्रैल 2017 तक जारी है। इन योजनाओं में हिस्सा लेने और अवॉर्ड जीतने के लिए ज़रुरी है कि भुगतान ख़ासतौर से रुपे कार्ड, भीम ऐप, यूपीआई, यूएसएसडी और आधार आधारित पेमेंट सर्विस के ज़रिए किया जाए।

निजी डिजिटल भुगतान प्रणाली मसलन पेटीएम, फ्रीचार्ज, मोबिक्विक के ज़रिए इन योजनाओं में हिस्सा नहीं लिया जा सकता है।

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