logo-image

कश्मीर में गंदी फिल्में देखने के लिए होता है इंटरनेट का इस्तेमाल - NITI आयोग सदस्य

नीति आयोग (Niti Ayog) ने सदस्य वीके सारस्वत ने कहा कि कश्मीर में इंटरनेट का इस्तेमाल गंदी फिल्में देखने के लिए किया जाता है. हालांकि जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में इंटरनेट बंद (Internet Ban) पर दिए अपने बयान से वह पलट गए.

Updated on: 19 Jan 2020, 11:33 AM

श्रीनगर:

नीति आयोग (Niti Ayog) के सदस्य वीके सारस्वत जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बैन किए जाने को लेकर एक विवादित बयान दिया. उन्होंने बयान दिया था कि कश्मीर में इंटरनेट का इस्तेमाल 'गंदी फिल्में' देखने में होता था. उनके इस बयान पर बवाल होने के कुछ देर बाद ही उन्होंने अपने इस बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनका कहने का मतलब था कि इंटरनेट बंद होने से अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा.

यह भी पढ़ेंः इस मामले में अमित शाह से धारा-370 जैसी कार्रवाई चाहते हैं संजय राउत

एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर ने सारस्वत के हवाले से लिखा कि जो नेता कश्मीर जाना चाहते हैं वह दिल्ली जैसा आंदोलन कश्मीर की सड़कों पर भी करना चाहते हैं. इसके लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा सकता है. सोशल मीडिया का इस्तेमाल अगर गलत काम के लिए किया जाए तो ऐसे में अगर इंटरनेट हो ही नहीं इससे क्या फर्क पड़ता है. उन्होंने कहा था कि वैसे भी इंटरनेट में क्या देखा जाता है. गंदी फिल्मों के अलावा को कुछ देखते भी नहीं.

यह भी पढ़ेंः क्या प्रताड़ित शरणार्थियों को वापस पाकिस्तान भेज दें, सोनिया-राहुल से शिवराज ने पूछा

उनके इस बयान के बाद सवाल उठने शुरू हुए तो उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मेरे कहने का मतलब था कि अगर कश्मीर में इंटरनेट न भी हो तो वहां की अर्थव्यवस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर में प्रीपेड मोबाइल सेवाओं पर पांच महीने से लगी रोक को हटाने का आदेश दिया है. फिलहाल यहां 2जी सेवाओं को चालू किया गया है. कश्मीर में धारा 370 खत्म करने के बाद यहां इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था. केंद्र सरकार का कहना था कि असामाजिक तत्व यहां माहौल खराब करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं.