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लोकसभा में वित्त मंत्री ने कांग्रेस को दिया मुंहतोड़ जवाब, कहा- हमारे यहां कोई जीजा नहीं है

निर्लमा सीतारमण (Nirmala sitaraman) ने बिना नाम लिए प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा को निशाने पर लिया.

Updated on: 03 Dec 2019, 12:19 AM

नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance minister Nirmala sitaraman) ने लोकसभा में सवाल का जवाब देते हुए कांग्रेस पर जमकर वार किया. निर्लमा सीतारमण (Nirmala sitaraman) ने बिना नाम लिए प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा को निशाने पर लिया. सरकारी योजनाओं पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी योजनाओं का लाभ आम आदमी को मिल रहा है...न कि किसी के जीजा या दामाद को.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि हमारी सरकार जिन योजनाओं को चलाया है, वे आम आदमी को फायदा पहुंचा रही हैं. आयुष्मान भारत योजना का लाभ जिन लोगों को मिल रहा है, वे किसी के रिश्तेदार, जीजा या दामाद हैं क्या?'

निर्मला सीतारमण ने जैसे ही यह बात कही वैसे ही कांग्रेस पार्टी ने हंगामा करने लगे. जिसके बाद फिर से उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में कोई जीजा नहीं है, सभी कार्यकर्ता हैं.

कॉर्पोरेट टैक्स और जीडीपी में आई गिरावट को पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए निर्मला ने आगे कहा, 'मुझसे कहा जा रहा है कि मैं अब तक की सबसे खराब वित्त मंत्री हूं. वे मेरा कार्यकाल पूरा होने का भी इंतजार नहीं कर रहे हैं. मैंने उनसे कहा है कि वे मुझे और आइडिया दें, हम उन पर काम करेंगे. यदि कोई सरकार बात सुनती है तो वह मोदी सरकार है.'

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि यह कहना गलत है कि नरेंद्र मोदी सरकार आलोचना नहीं सुनती है. कार्पोरेट कर में कटौती से जुड़े संशोधन वाले ‘कराधान विधि (संशोधन) विधेयक 2019’ पर लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकार आलोचना सुनती है और सकारात्मक ढंग से जवाब देती है तथा कदम भी उठाती है.

मंत्री ने एक आर्थिक समाचार पत्र के कार्यक्रम में उद्योगपति राहुल बाजाज के ‘डर का माहौल’ वाले बयान का हवाला देते हुए कहा कि उस जगह गृह मंत्री (अमित शाह) ने पूरा जवाब दिया और जब भी आलोचना होती है तो यह सरकार सुनती है और जवाब देती है.

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उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में तो कुछ लोगों ने सबसे खराब वित्त मंत्री कह दिया, लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा. मंत्री ने कहा कि यह सरकार और प्रधानमंत्री आलोचनाओं को सुनते हैं और सकारात्मक ढंग से जवाब देते हैं. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सवाल पूछकर भाग जाना कुछ लोगों के डीएनए में है, लेकिन हमारी पार्टी (भाजपा) में ऐसा नहीं है. कुछ सदस्यों की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि वैश्विक हालात को देखते हुए कुछ तत्काल कदम उठाना था और ऐसे में यह अध्यादेश लाना पड़ा.

निर्मला ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है कि जरूरत पड़ने पर अध्यादेश लाए गए हों. 1991-96 के दौरान 77 अध्यादेश और 2004-09 के दौरान 36 अध्यादेश लाए गए थे. संप्रग सरकार के समय जीडीपी आंकड़ों का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि पहले भी जीडीपी नीचे गिरकर आगे बढ़ी है. कार्पोरेट कर में कटौती से वित्तीय घाटा बढ़ने के कांग्रेस के आरोप को खारिज करते हुए निर्मला ने कहा कि मोदी सरकार वित्तीय घाटे को चार फीसदी के नीचे रखने में सफल रही है.

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उन्होंने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के दावे का जवाब देते हुए कहा कि अगर सोनिया गांधी के कहने पर सरकार ने आरसीईपी पर हस्ताक्षर नहीं किया तो फिर कांग्रेस ने 2013 में बाली समझौते पर हस्ताक्षर करते समय सोनिया गांधी की क्यों नहीं सुनी? निर्मला ने कहा कि बाली समझौते को अगर आगे बढ़ा दिया जाता तो फिर किसानों को समर्थन मूल्य नहीं मिल पाता. उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में पांच फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. बीएसएनल की स्थिति के लिए पूर्व की संप्रग सरकार को जिम्मेवार ठहराते हुए मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार इस कंपनी को मजबूत बनाने के लिए पूरे प्रयास कर रही है.