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गृह मंत्रालय ने निर्भया के अपराधी मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति भवन भेजी

इसके पहले निर्भया गैंगरेप और हत्‍या मामले में दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल अनिल बैजल ने भी निर्भया के गुनहगार मुकेश की दया याचिका ठुकरा दी थी. अब राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ही दोषी मुकेश की दया याचिका पर अंतिम फैसला लेंगे।

Updated on: 17 Jan 2020, 12:51 PM

highlights

  • निर्भया केस में अपराधी मुकेश की दया याचिका को गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेज दी है.
  • मुकेश ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से निर्भया रेप केस में दया की गुहार लगाई है.
  • फांसी की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे ही निर्भया के दोषियों में खौफ बढ़ता जा रहा है. 

नई दिल्ली:

निर्भया केस (Nirbhaya Rape Case) में अपराधी मुकेश (Convict Mukesh) की दया याचिका (Mercy petition) को गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेज दी है. बताया जा रहा है कि मुकेश ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से निर्भया रेप केस में दया की गुहार लगाई है. इसके पहले  निर्भया गैंगरेप और हत्‍या मामले में दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल अनिल बैजल ने भी निर्भया के गुनहगार मुकेश की दया याचिका ठुकरा दी थी. अब राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ही दोषी मुकेश की दया याचिका पर अंतिम फैसला लेंगे।

निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि अभी तक उन्होंने पॉलिटिक्स की बातें नहीं की हैं लेकिन वो कहना चाहेंगी कि जिन लोगों ने 2012 में उनकी बेटी के लिए कैंडल जलाई थी आज वो ही लोग उसकी मौत पर राजनीतिक लाभ पाने की कोशिश कर रहें हैं.

फांसी की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे ही निर्भया के दोषियों में खौफ बढ़ता जा रहा है. निर्भया गैंगरेप केस में दोषी मुकेश सिंह ने अब फांसी से बचने के लिए आखिरी दांव चला है. उसने मंगलवार को राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दाखिल की. इससे पहले मुकेश सिंह को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. सर्वोच्च अदालत ने सजा को कम करने की याचिका को रद्द कर दिया है. मामले में चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा.

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दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सात जनवरी को सभी चार दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया था. पटियाला हाउस कोर्ट ने 22 जनवरी को सुबह 7 बजे सभी दोषियों को फांसी पर चढ़ाने का आदेश दिया था. डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी पर लटकाया जाएगा. इसके लिए 22 जनवरी बुधवार को सुबह 7 बजे का समय तय किया गया है.

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किसी मामले के दोषी की राष्ट्रपति के पास भेजी गई दया याचिका और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज हो जाने के बाद क्यूरेटिव पिटीशन दायर किया जाता है. क्यूरेटिव पिटीशन ही दोषी के पास अंतिम मौका होता है, जिसके जरिए वह अपने लिए तय सजा में नरमी की गुहार लगा सकता है. क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई के बाद दोषी के लिए कानून के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं.