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डेथ वारंट के बाद निर्भया के गुनहगार फूट-फूट कर रोए, चारों को अलग-अलग बैरक में रखा गया

तिहाड़ जेल में बंद कैदियों को डेथ वारंट के बारे में पता चला वो फूट-फूटकर रोने लगे. 22 जनवरी सुबह 7 बजे इन्हें फांसी के फंदे से लटका दिया जाएगा.

Updated on: 07 Jan 2020, 07:35 PM

नई दिल्ली:

निर्भया की आत्मा आज जहां कहीं भी होगी वो ये देखकर खुश होगी कि उसके गुनहगारों को सजा-ए-मौत होने वाली है. मंगलवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर दिया. बताया जा रहा है कि जैसे ही तिहाड़ जेल में बंद कैदियों को डेथ वारंट के बारे में पता चला वो फूट-फूटकर रोने लगे. 22 जनवरी सुबह 7 बजे इन्हें फांसी के फंदे से लटका दिया जाएगा.

बताया जा रहा है कि अब इन चारों दोषियों को तिहाड़ जेल के अलग-अलग बैरक में गया है. ताकि ये कैदी किसी भी तरह की ऐसी कोई हरकत ना करे जिसकी वजह से इनकी फांसी की सजा टल जाए. दरअसल, अगर ये चारों दोषी किसी अन्य कैदी को नुकसान पहुंचाते हैं तो एक अलग मामला बन जाएगा. या फिर आपस में लड़ कर एक दूसरे को जख्मी करते हैं तो भी फांसी पर उस दिन नहीं लटकाया जा सकेगा जब तक पूरे मामले की जांच नहीं पूरी होती है. इसलिए अब इन कैदियों को अलग-अलग बैरक में रखा गया है जहां दूसरे कैदियों की पहुंच नहीं होगी.

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मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान किसी को भी अंदर जाने नहीं दिया गया. मीडिया को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं थी. पटियाला हाउस कोर्ट में जज ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चारों दोषियों से बात की. सुनवाई के दौरान निर्भया की मां के सामने दोषी मुकेश की मां रो पड़ी और कहा कि मैं भी मां हूं और तुम भी मां मेरे बेटे को माफी दे दो. दोनों के बीच बहस हुई जिसके बाद कोर्ट ने दोनों को चुप करा दिया.

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दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया के माता-पिता ने कहा कि न्याय मिला. उन्होंने कहा कि सात साल का इंतजार खत्म हो गया है. इस फैसले के बाद उन लोगों में डर पैदा होगा जो इस तरह के अपराध को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं. यह फैसला महिलाओं को सशक्त बनाएगा और लोगों का न्याय व्यवस्था में विश्वास भी बढ़ेगा.