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मोदी सरकार ने माना भारतीय सेना में 9 हजार अफसरों की है कमी

भारतीय थल सेना नौसेना और वायुसेना 9,000 से अधिक अधिकारियों की कमी से जूझ रही है। बुधवार को लोकसभा में सरकार ने इस बात की जानकारी दी।

Updated on: 01 Aug 2018, 09:00 PM

नई दिल्ली:

भारतीय थल सेना नौसेना और वायुसेना 9,000 से अधिक अधिकारियों की कमी से जूझ रही है। बुधवार को लोकसभा में सरकार ने इस बात की जानकारी दी। रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि भारतीय थल सेना में ही लगभग 7,298 अधिकारियों की कमी है। उन्होंने कहा कि सेना के पास अधिकारिक रूप से 49,933 अधिकारियों की अधिकृत क्षमता है, लेकिन एक जनवरी, 2018 तक सेना में केवल 42,635 ही अधिकारी थे।

विश्व एटलस 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सेना को 14 लाख अधिकारियों व अन्य के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना माना जाता है।

भारतीय नौसेना में 11,352 अधिकारियों की क्षमता है, लेकिन एक जुलाई 2018 तक नौसना में अधिकारियों की संख्या 9,746 थी। इस तरह से नौसेना में 1,606 अधिकारियों की कमी है।

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उसी तरह वायुसेना में, अधिकारियों की अधिकृत क्षमता 12,584 है, लेकिन यहां 12,392 अधिकारी हैं और सेना का यह महत्वपूर्ण अंग 192 अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है।

मंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों में भर्ती एक सतत प्रक्रिया है और सरकार इस कमी को पूरी करने के लिए कई उपाय कर रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने सशस्त्र बलो की नौकरी को लुभावना बनाने के लिए कई उपाय किए हैं, जिसमें पदोन्नति के परिपेक्ष्य में प्रगति भी शामिल है।

उन्होंने कहा, 'युवाओं को खासकर ग्रामीण युवाओं को सशस्त्र बलों में भर्ती करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इसके अंतर्गत प्रिंट और ऑडियो-विजुअल माध्यम से भर्ती के लिए विज्ञापन दिए गए हैं।'

मंत्री ने कहा, 'अधिकारी रैंक के नीचे के कर्मियों(पीबीओआरएस) की भर्ती के लिए सेना देश में ओपन रैली प्रणाली के जरिए लगातार पूरे देश में भर्ती कर रही है। इसमें दूरदराज और जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को भी शामिल करने पर विचार किया जा रहा है।'

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