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New Data Protection Bill को कैबिनेट ने किया पास, सरकार ने किया ये प्रावधान

New Data Protection Bill को कैबिनेट ने किया पास, सरकार ने किया ये प्रावधान

Updated on: 04 Dec 2019, 05:39 PM

highlights

  • पीएम मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नए डेटा प्रोटेक्शन बिल को दी मंजूरी. 
  • सरकार ने इस बिल को तीन भागों में विभाजित किया है. 
  • जरुरत के मुताबिक अब सरकार पर्सनल डेटा को भी कानूनी कार्रवाई के लिए उपयोग कर सकती है. 

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (Personal Data Protection Bill or Data Protection Bill) को मंजूरी दे दी है. हालांकि अब ये बिल संसद में पेश किया जाएगा. इस बिल में डेटा कलेक्शन,स्टोरेज, व्यक्ति की स्वीकारोक्ति, कोड ऑफ कंडक्ट और उल्लंघन की स्थिति में सजा का प्रावधान होगा. इस बिल को सरकार ने तीन भागों में विभाजित कर दिया है.

नए बिल में सरकार ने डेटा को तीन भागों में बाट दिया है-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक (New Data Protection Bill) को मंजूरी दे दी, जिसमें एक रूपरेखा तैयार करने की उम्मीद है जिसमें सार्वजनिक और निजी संस्थाओं द्वारा व्यक्तिगत और निजी डेटा का प्रसंस्करण शामिल होगा.

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सरकार की तरफ से इसे तीन भागों संवेदन शील,क्रिटिकल डेटा, और सामान्य डेटा में बांटा गया है. कोई भी डेटा सिर्फ कानूनी कार्यवाही में लिया जा सकता है. बाकी डेटा के उपयोग के लिए सहमति जरूरी. क्रिटकाल डेटा समय समय पर बदलता रहेगा जरूरी के मुताबिक,पर्सनल डाटा भी कानूनी कार्यवाही में और जांच एजेंसी यूज़ कर सकती है. सोशल मीडिया के किसी भी पकटफॉर्म पर एकाउंट वेरीफाई करना होगा लेकिन खुद कराना होगा. 

नया बिल डेटा प्रोटेक्शन के लिए है. डेटा बाहर भेजना अब कानून का उलंघन होगा, फाइन का भी प्रावधान किया गया है, सरकार गैर व्यक्तिगत डेटा और सामान्य डेटा यूज़ कर सकती है,सज़ा का प्रावधान किया गया है जानबूझ कर डेटा का बिना अनुमति के ट्रांसफर किए जाने पर.

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समझौता और सहमति से संवेदनशील डेटा भी देश के बाहर जा सकता है. सामान्य डाटा बाहर भी स्टोर किया जा सकेगा. क्रिटिकल डेटा सिर्फ इंडिया में ही स्टोर किया जाएगा.

इस बिल में और क्या है-

  • बिल के मुताबिक कोई भी निजी या सरकारी संस्था किसी व्यक्ति के डेटा का उसकी अनुमति के बिना इस्तेमाल नहीं कर सकती. लेकिन मेडिकल इमर्जेंसी और राज्य या केंद्र की लाभकारी योजनाओं के लिए ऐसा किया जा सकता है.
  • हालांकि विधेयक में राष्ट्रीय हित से जुड़े मसलों पर डेटा के इस्तेमाल की छूट होगी. जैसे- राष्ट्रीय सुरक्षा, कानूनी कार्यवाही और पत्रकारिता के उद्देश्यों से इनका इस्तेमाल किया जा सकेगा.
  • डेटा जुटाने वाली संस्थाओं की निगरानी के लिए डेटा प्रॉटेक्शन अथॉरिटी स्थापित करने का भी प्रावधान है
  • किसी भी संस्था को संबंधित व्यक्ति को डेटा के यूज के बारे में बताना होगा.

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  • बता दें कि Supreme Court के पूर्व जस्टिस श्रीकृष्णा के नेतृत्व वाली कमिटी ने डेटा प्रॉटेक्शन को लेकर एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसके आधार पर इस बिल को तैयार किया गया है.
  • यूरोपियन यूनियन के जनरल डेटा प्रॉटेक्शन रेग्युलेटर की तर्ज पर इस बिल का ड्राफ्ट तैयार किया गया है.
  • किसी भी व्यक्ति को उसके डेटा के संबंध में महत्वपूर्ण अधिकार होंगे. संबंधित व्यक्ति अपने डेटा में करेक्शन या फिर संस्था के पास मौजूद डेटा तक Access ले सकता है.