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नोएडा जमीन घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी की पूर्व चीफ सेक्रेटरी नीरा यादव की सजा कम कर किया दो साल

सुप्रीम कोर्ट ने साल 1993-95 में नोएडा में हुए जमीन आवंटन घोटाले में उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव की सजा को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से मिली तीन साल की सजा को घटाकर दो साल कर दिया है।

Updated on: 02 Aug 2017, 10:06 PM

highlights

  • नोएडा जमीन घोटाला मामले में यूपी की पूर्व चीफ सेक्रेटरी नीरा यादव की सजा बरकरार
  • 1994-95 में अपनी बेटियों और डिप्टी सीईओ राजीव कुमार को प्लॉट आवंटित करने का आरोप

 

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने साल 1993-95 में नोएडा में हुए जमीन आवंटन घोटाले में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव की सजा को बरकरार रखा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से मिली तीन साल की सजा को घटाकर दो साल कर दिया है।

नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रहते हुए नीरा यादव ने 1994-95 में अपनी बेटियों और डिप्टी सीईओ राजीव कुमार को प्लॉट आवंटित किए थे। जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस आर भानुमति की एक पीठ ने इसी मामले में पूर्व आईएएस अधिकारी राजीव कुमार को भी दोषी माना।

कोर्ट ने उन्हें मिली तीन साल कैद की सजा को भी घटाकर दो साल कर दिया। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि साल 1971 के बैच की आईएएस अधिकारी नीरा ने नोएडा में मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर रहते हुए नियमों का उल्लंघन किया और एक अहम जमीन को एक उद्योगपति को आवंटित कर दिया था।

सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि नीरा ने गेस्ट हाउस के रूप में प्रयोग करने के लिए तय भूखंड का इस्तेमाल बदलने के लिए वर्ष 1983 के बैच के आईएएस अधिकारी राजीव कुमार के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची थी।

उन पर नियमों का उल्लंघन करके इसका क्षेत्रफल बढ़ाने का भी आरोप है। इस घटनाक्रम के दौरान राजीव उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे। सीबीआई ने कहा था, 'दायर आवेदन कई तरह से अधूरा होने के बावजूद और इस योजना के बाद जमा कराए जाने के बावजूद आवंटन कर दिया गया था।'

यह भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने अपनी दो बेटियों के नाम पर दो भूखंड आवंटित किए, जबकि वह जानती थी कि नोएडा अथॉरिटी के नियम के मुताबिक एक परिवार को एक ही भूखंड आवंटन हो सकती है। 

जांच एजेंसी ने कहा था कि नोएडा में सीईओ रहने के दौरान नीरा ने लोकसेवा से जुड़े अपने आधिकारिक पद का दुरूपयोग किया और नियमों का उल्लंघन करके अपने लिए एक जमीन आवंटित करवा लिया।