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ED के पास मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं, लेकिन वह मुझे जेल में रखना चाहती है : चिदंबरम

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की जमानत याचिका के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा.

Updated on: 27 Nov 2019, 01:18 PM

नई दिल्ली:

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की जमानत याचिका के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. इस मामले में पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि ईडी का कहना है कि पी चिदंबरम गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन वह तो कस्टडी में हैं. क्या ED का कहना है कि ईडी के उस दफ्तर में जहां फोन भी उपलब्ध नहीं था वहां से चिदंबरम गवाहों को प्रभावित कर रहे थे.

सिब्बल ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने ED की तीनों बड़ी दलील (सबूतों के साथ छेड़छाड़ की आशंका, फ्लाइट रिस्क, गवाहों को प्रभावित करने की संभावना) को ठुकरा दिया. लेकिन इसके बावजूद सिर्फ ये कहते हुए ज़मानत देने से इंकार कर दिया कि चिंदबरम गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. उन्हें इस स्कैम का सरगना साबित कर दिया गया, जबकि उनसे जुड़ा कोई डॉक्युमेंट नहीं है.

बाकी लोग जिन्हें आरोपी बनाया गया है, उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है या फिर ज़मानत पर बाहर हैं. चिंदबरम की ओर से सिब्बल ने कहा, आज जेल में मेरा 99 वां दिन है. इस केस में मेरे खिलाफ कोई डॉक्यूमेंट/ SMS या ईमेल नहीं है. लेकिन ED की कोशिश किसी भी तरह मुझे जेल में रखने की है.

पहले वो मुझसे पूछताछ के लिए कस्टडी मांग रहे थे. लेकिन CBI वाले केस में ज्यूडिशियल कस्टडी खत्म हो जाने के बाद उन्होंने मुझसे पूछताछ नहीं की. जब मामला SC में सुनवाई के लिए लगने वाला था, तो उन्होंने 23 नवंबर को पूछताछ की.

चिदंबरम पर आरोप

चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने वित्त मंत्री रहने के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये में आईएनएक्स मीडिया को दिए गए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से संबंधित एक मामले में जमानत की मांग की. सीबीआई ने मई 2017 में इस संबंध में एक भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद 2017 में ही ईडी ने चिदंबर के खिलाफ मनी लान्ड्रिंग का मामला दर्ज किया.