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सबसे बड़ा सवाल? बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह मंत्री बनेंगे या नहीं

पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में दिए अपने संबोधन में सांसदों से इस बात की चिंता न करने की नसीहत भी दे डाली थी और साथ ही आगाह भी किया था कि वे किसी के बहकावे में न आएं.

Updated on: 28 May 2019, 09:04 AM

नई दिल्‍ली:

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) में बीजेपी (BJP) के धमाकेदार जीत दर्ज करने के बाद अब सकी नजरें पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के मंत्रिपरिषद (Council Of MInisters) के स्‍वरूप पर टिकी हैं. मंत्रिपरिषद का स्‍वरूप कैसा होगा, कितने पुराने मंत्री बनें रहेंगे, कितनों की होगी छुट्टी, नए सांसदों में किसको मिलेगी साउथ ब्‍लॉक (South Block) में एंट्री, इन बातों को लेकर कयासबाजी का दौर चल रहा है. सोशल मीडिया, मेन स्‍ट्रीम मीडिया में इसे लेकर तमाम दावे किए जा रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह (BJP President Amit shah) संगठन में ही रहेंगे या मोदी सरकार में शामिल होंगे. हालांकि कौन मंत्री बनेगा और कौन नहीं, यह प्रधानमंत्री (Prime Minister) का विशेषाधिकार होता है. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में दिए अपने संबोधन में सांसदों से इस बात की चिंता न करने की नसीहत भी दे डाली थी और साथ ही आगाह भी किया था कि वे किसी के बहकावे में न आएं.

मीडिया, सोशल मीडिया और आम लोगों में इस बात को लेकर उत्‍सुकता ज्‍यादा है कि क्‍या अमित शाह (Amit Shah) सरकार का हिस्‍सा होंगे. कुछ लोगों का दावा है कि अमित शाह (Amit Shah) देश के अगले गृह या रक्षा मंत्री हो सकते हैं. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) लड़ने के बाद से उन्‍हें लेकर इस तरह के दावे किए जा रहे हैं. हालांकि वे पहले से ही राज्‍यसभा (Rajya Sabha) के सदस्‍य हैं और मंत्री तब भी बन सकते थे. लोगों की उत्‍सुकता इस बात में भी अधिक है कि इस बार कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्‍योरिटी (Cabinet Committee on Security) का स्‍वरूप कैसा होगा. क्‍या सुषमा स्‍वराज (Sushma Swaraj) और निर्मला सीतारमन (NIrmala Sithraman) बनी रहेंगी या उनकी जगह कोई और लेगा. अगर अमित शाह मंत्री बनते हैं तो जाहिर सी बात है कि कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्‍योरिटी के चेहरों में फेरबदल देखने को मिल सकता है. स्‍वास्‍थ्‍य कारणों से अरुण जेटली (Arun Jaitley) के भी मंत्री बनने और न बनने को लेकर तमाम तरह की अटकलबाजी चल रही है. अगर अरुण जेटली को मौका नहीं मिलता है तो पीयूष गोयल (Piyush Goel) भी नए चेहरे के रूप में शामिल हो सकते हैं. स्‍वास्‍थ्‍य कारणों से सुषमा स्‍वराज (Sushma Swaraj) ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था, इसलिए उन्‍हें भी मंत्री बनाए जाने को लेकर तमाम तरह की अटकलबाजी चल रही है.

जेडीयू सरकार में शामिल होगा या नहीं?
पिछली बार बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार को समर्थन तो दे रही थी, लेकिन सरकार का हिस्‍सा नहीं थी. इस बार कयास लगाए जा रहे हैं कि जनता दल यूनाइटेड के कुछ सांसद मंत्री बन सकते हैं. नीतीश कुमार ने भी मतगणना से पहले पूछे गए एक सवाल के जवाब में इस बात के संकेत दिए थे. अगर नीतीश कुमार की पार्टी के सांसद सरकार का हिस्‍सा बनते हैं तो बिहार से मंत्रियों की संख्‍या बढ़ सकती है. पार्टी की ओर से आरसीपी सिंह और ललन सिंह का नाम आगे चल रहा है.

बढ़ सकती है बंगाल, ओडिसा, तेलंगाना, नॉर्थ ईस्‍ट की हिस्‍सेदारी
लोकसभा चुनाव में इस बार बीजेपी को पश्चिम बंगाल और ओडिशा में अप्रत्याशित सफलता मिली है. सबको ये जानने में दिलचस्पी है कि इन राज्यों को केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल में कैसा प्रतिनिधित्व मिलेगा? पिछली बार बंगाल से बाबुल सुप्रीयो और एसएस आहलुवालिया ही जीते थे और दोनों ही मंत्री बने थे. उधर, ओडिशा से धर्मेंद्र प्रधान और जुएल ओरांव को मंत्री पद की जिम्‍मेदारी दी गई थी. तेलंगाना में केसीआर के गढ़ में सेंध लगाकर बीजेपी ने इस बार 4 सीटों पर जीत दर्ज की है. जाहिर है तेलंगाना के एक या दो सांसद मंत्री बन सकते हैं. अभी नॉर्थ ईस्‍ट से किरण रिरिजू और राजन गोहिन ही मंत्री हैं. जाहिर है वहां से भी मंत्रियों की संख्‍या में इजाफा हो सकता है.

महाराष्‍ट्र, झारखंड, हरियाणा और दिल्‍ली को मिलेंगे मौके
इस साल के अंत तक या फिर अगले साल की शुरुआत में महाराष्‍ट्र, झारखंड, हरियाणा और दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. लिहाजा इन राज्यों से प्रतिनिधित्व बढ़ने की संभावना है. इन सभी राज्यों में बीजेपी का प्रदर्शन शानदार रहा है.

एआईएडीएमके को मिल सकता है मौका
तमिलनाडु से एआईएडीएमके को भी मंत्रिमंडल में एक जगह मिलने की संभावना है. केरल से बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुरेश गोपी या के जे अल्फोंस में किसी एक को प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना है. उत्तर प्रदेश से अपना दल की अनुप्रिया पटेल फिर से मंत्री बन सकती हैं तो शिरोमणि अकाली दल से इस बार सुखबीर सिंह बादल के मंत्रिमंडल में शामिल होने की बात कही जा रही है.