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ट्रंप भारतीय सरजमीं का इस्तेमाल चुनावी अभियान के लिए करेंगे, अधीर रंजन चौधरी का आरोप

ट्रंप कोई भगवान श्री राम तो है नहीं, जो करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. ट्रंप भारत दौरे का इस्तेमाल अपने चुनावी लाभ के लिए कर रहे हैं.

Updated on: 24 Feb 2020, 08:40 AM

highlights

  • मोदीजी करोड़ों रुपए खर्च कर ट्रंप को खुश करने में लगे हैं.
  • ट्रंप कोई भगवान राम तो नहीं, जो करोड़ों खर्च किए जा रहे.
  • राष्ट्रपति के आधिकारिक भोज में शामिल होने से इंकार.

नई दिल्ली:

लोकसभा में कांग्रेस (Congress) के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के दौरे पर करोड़ों रुपए खर्च करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि ट्रंप भारतीय सरजमीं का इस्तेमाल अपने चुनाव अभियान के लिए करने आ रहे हैं. इसके साथ ही सरकार के रवैये पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा आयोजित आधिकारिक भोज में शामिल होने से इंकार किया है.

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ट्रंप के दौरे से भारत को कोई फायदा नहीं
उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट नहीं है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे से भारत को क्या फायदा होने वाला है. फिर भी भारत 'नमस्ते ट्रंप' कर रहा है. मोदीजी करोड़ों रुपए खर्च कर ट्रंप को खुश करने में लगे हैं. ट्रंप का कहना है कि मोदीजी ने उनकी सभा में एक करोड़ लोगों के स्वागत की बात की है. आखिर इन सबकी जरूरत क्या है? ट्रंप कोई भगवान श्री राम तो है नहीं, जो करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. ट्रंप भारत दौरे का इस्तेमाल अपने चुनावी लाभ के लिए कर रहे हैं. अमेरिका में ढेरों गुजराती रहते हैं. ट्रंप यह भी कह चुके हैं कि इस दौरे पर भारत से कोई सौदा होने वाला नहीं है.

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मोदी सरकार ने पुरानी परंपरा तोड़ी
चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ प्रमुख विपक्षी पार्टी को विचार-विमर्श करने की अनुमति देने की पुरानी परंपरा को खत्म कर दिया है.
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वह 25 फरवरी को राष्ट्रपति द्वारा आयोजित भोज में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि यह मेरे विरोध का तरीका है. उन्होंने कहा कि सरकार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को निमंत्रण नहीं दिया है. उन्होंने कहा, मोदी सरकार द्वारा प्रमुख विपक्षी पार्टी के नेताओं को इस तरह की महत्वपूर्ण यात्राओं के दौरान नजरअंदाज किया जाना और परंपरा में बदलाव किया जाना अच्छा नहीं है.