बन गया 'नागरिकता' का जन्म प्रमाण पत्र, CAA पास होने से पहले पैदा हुई थी
नागरिकता संशोधन बिल (CAB) संसद से पारित होने से पहले पैदा हुई 'नागरिकता' का अब जन्म प्रमाण पत्र बन गया है. संसद के दोनों सदनों से बिल पारित होने के बाद उसकी मां ने उसका नाम नागरिकता रखा था.
नई दिल्ली:
नागरिकता संशोधन बिल (CAB) संसद से पारित होने से पहले पैदा हुई 'नागरिकता' का अब जन्म प्रमाण पत्र बन गया है. संसद के दोनों सदनों से बिल पारित होने के बाद उसकी मां ने उसका नाम नागरिकता रखा था. उसकी मां ने बताया था कि जब बेटी बड़ी होगी तो वह उसके नाम के बारे में विस्तार से बताएगी. आज सोमवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष घर जाकर उसे जन्म प्रमाणपत्र सौपेंगे.
यह भी पढ़ें : NRC-CAA पर घमासान के बीच भारतीय सीमा पार कर बांग्लादेश जाते हुए 300 बांग्लादेशी पकड़े गए
11 दिसंबर को राज्यसभा से नया नागरिकता कानून पास हुआ था. इसकी खुशी में मजनूं का टीला में रह रहे एक शरणार्थी परिवार ने दो दिन पहले जन्मी अपनी बेटी का नाम नागरिकता रखा था. सात साल से मजनूं का टीला इलाके में रह रहे इस परिवार के पास नागरिकता नहीं थी. बच्ची की मां आरती ने कहा था कि बेटी घर की लक्ष्मी होती है. इसके जन्म के साथ ही हमारी नागरिकता का रास्ता खुल गया है. नए कानून के नाम पर उन्होंने अपनी बेटी का नाम रखा है. इसके बाद रामलीला मैदान में आयोजित रैली में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बच्ची का खास तौर से जिक्र किया था. नागरिकता नाम रखने के बाद निगम के अधिकारी बच्ची के परिजनों से मिले थे. परिजनों ने जन्म प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश ने बताया कि दस दिनों में यह प्रमाणपत्र जारी किया गया है. अगर दूसरे बच्चों के आवेदन प्राप्त होंगे तो उन्हें भी जन्म प्रमाणपत्र दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें : इस बार का दिल्ली विधानसभा का चुनाव सबसे हाईटेक होगा
2013 में भारत आया था परिवार
नागरिकता का परिवार 2013 में पाकिस्तान से भारत आया था. दिल्ली के मजनूं का टीला में 2013 में ही शरणार्थी कैंप बनाया गया था. इस कैंप में 135 परिवारों के 800 लोग रहते हैं. इन्हें अभी भारत की नागरिकता नहीं मिली थी. नया कानून आने से उन्हें नागरिकता मिल पाएगी.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें