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मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में पटना हाई कोर्ट आज सुनाएगी फैसला, मीडिया कवरेज पर लगी है रोक

अदालत ने सुनवाई के दौरान आदेश जारी कर इस मामले में रिपोर्टिंग पर रोक लगा दिया था। बता दें कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस की मॉनिटरिंग पटना हाई कोर्ट की ओर से रही है।

Updated on: 29 Aug 2018, 09:58 AM

नई दिल्ली:

मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण कांड मामले में आज (बुधवार) पटना हाई कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है। इससे पहले इस केस से जुड़ी मीडिया कवरेज पर रोक लगा दी गई थी। अदालत ने सीबीआई को फटकार लगाते हुए पूछा था कि आखिरकार उन्होंने अब तक स्टेटस रिपोर्ट क्यों नहीं जमा कराई। वहीं जांच से जुड़ी खबरों के मीडिया में लीक हो जाने पर अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी।

अदालत ने सुनवाई के दौरान आदेश जारी कर इस मामले में रिपोर्टिंग पर रोक लगा दिया था। बता दें कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस की मॉनिटरिंग पटना हाई कोर्ट की ओर से रही है। पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने मामले के बीच में ही जांच अधिकारी के तबादले को लेकर सवाल उठाते हुए पूछा जब राज्य सरकार की विश्वसनीयता दांव पर लगी हुई है तो ऐसे में जांच अधिकारी का तबादला कैसे हो सकता है। वहीं कोर्ट ने सीबीआई से इस मामले पर अपनी स्थिति साफ करने का आदेश दिया।

सीबीआई शेल्टर होम के मुख्य संचालक और इस कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के बेटे को बालिका आश्रय गृह पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया था। जानकारी के मुताबिक, सीबीआई ने करीब 12 घंटों तक राहुल से पूछताछ की।

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पूछताछ के बाद सीबीआई बालिका गृह से राहुल को लेकर निकल गई। सीबीआई की टीम बालिका गृह में अपने साथ जेसीबी मशीन लेकर पहुंची थी। इससे पहले भी जेसीबी मशीन से खुदाई की गई थी, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ था। इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि आश्रय गृह में फिर से खुदाई की जा सकती है।

गौरतलब है कि 'सेवा संकल्प एवं विकास समिति' की ओर से संचालित बालिका आश्रय गृह में 34 लड़कियों से रेप की बात एक सोशल ऑडिट में सामने आई थी।

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बिहार समाज कल्याण विभाग ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) द्वारा बिहार के सभी आश्रय गृहों का सर्वेक्षण करवाया था, जिसमें यौन शोषण का मामला उजागह हुआ था। इस सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।