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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप मामले में जेडीयू मंत्री मंजू वर्मा ने दिया इस्तीफा

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस मामले में बुधवार को दबाव बढ़ जाने के बाद जेडीयू की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने इस्तीफा दे दिया।

Updated on: 08 Aug 2018, 05:22 PM

नई दिल्ली:

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस मामले में बुधवार को दबाव बढ़ जाने के बाद जेडीयू की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने इस्तीफा दे दिया। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री आवास जा कर मंजू वर्मा ने इस्तीफा सौंपा है हालांकि इस्तीफे की स्वीकृति की अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नही हुई है। दरअसल बुधवार को जांच में यह बात सामने आई थी कि बालिका आश्रय गृह में रहने वाली 34 नाबालिग बच्चियों के साथ यौन उत्पीडऩ के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के साथ मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा लगातार संपर्क में थे।

जांच में यह बात साफ की गई है कि 1 जनवरी से लेकर 1 जून के बीच ब्रजेश ठाकुर और मंजू वर्मा के पति केे बीच एक या दो बार नहीं बल्कि 17 बार बातचीत हुई है। हालांकि इससे पहले मंजू वर्मा ने ब्रजेश ठाकुर के साथ अपने पति का किसी भी प्रकार से संबंध होने से इंकार किया था।

सूत्रों के अनुसार सीएम नीतीश कुमार ने मंजू वर्मा से इस्तीफा मांगा था।

इस माामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के तीन मोबाइल नंबरों के कॉल्स डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच की है, जिसमें उनका मंजू वर्मा के पति के साथ लगातार संपर्क में होने की बात सामने आई।

इतना ही नहीं, जांच में यह बात भी सामने आई कि उन्होंने ब्रजेश ठाकुर के साथ कई बार दिल्ली यात्रा भी की थी। अब सीबीआई की टीम उन ट्रैवेल एजेंसियों की जांच कर रही है जिनके जरिए दोनों के टिकट बुक कराए गए थे।

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इससे पहले बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह में लड़कियों के साथ यौनाचार मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने इस मामले में खुद को निर्दोष बताया और कहा कि वह कांग्रेस से चुनाव लड़ना चाहते थे, इस कारण उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है।

मुजफ्फरपुर अदालत में पेश होने आए ठाकुर ने संवाददाताओं से बातचीत में मंजू वर्मा से गहरे रिश्ते से इंकार करते हुए कहा कि उनका समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति से केवल व्यवहारिक संबंध था।

उन्होंने कहा, 'यह लगभग तय था कि मैं कांग्रेस में शामिल होने वाला था। दिल्ली के कई केंद्रीय नेताओं से मेरी बात चल रही थी, यह सब इसलिए भी हो रहा है। आश्रय गृह की किसी भी लड़की ने मेरा नाम नहीं लिया है, इसकी जांच कराई जा सकती है।'

गौरतलब है कि 'सेवा संकल्प एवं विकास समिति' द्वारा संचालित बालिका आश्रय गृह में 34 लड़कियों से रेप की बात एक सोशल ऑडिट में सामने आई थी। बिहार समाज कल्याण विभाग ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की ओर से बिहार के सभी आश्रय गृहों का सर्वेक्षण करवाया था, जिसमें यौन शोषण का मामला सामने आया था। 

इस सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संस्था के संरक्षक ब्रजेश ठाकुर समेत 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सिफारिश के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस आश्रय गृह दुष्कर्म मामले की जांच अपने हाथों में ले ली है।

वहीं मुजफ्फरपुर के बाद यूपी के देवरिया और उत्तराखंड के हरदोई में भी शेल्टर होम में बालिका गृह में रहने वाली नाबालिग बच्चियों के साथ यौन उत्पी़ड़न मामले सामने आए हैं। बुधवार को हरदोई में चलाए जा रहे एक एनजीओ द्वारा निराश्रित महिलाओं के लिए स्वाधार गृह में 21 में से 19 महिलाएं गायब होने की खबर सामने आई।

इससे पहले देवरिया मामले में खुलासा तब हुआ जब सोमवार की सुबह एक लड़की किसी तरह से भागकर थाने पहुंची। वहां पहुंचकर लड़की ने जब अपनी आपबीती सुनाई तो वहां मौजूद सभी लोग चौंक गए।

लड़की के बायन के बाद मां विन्ध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं सामाजिक सेवा संस्थान पर छापेमारी की गई जिसमें 42 लड़कियों में से 24 लड़कियों को छुड़ाया गया। संस्था की संचालिका, उसके पति और बेटे को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है।