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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: मंजू वर्मा का आरोप, सीबीआई निष्पक्ष तरीके से नहीं कर रही जांच

मंजू वर्मा ने रेप मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के साथ संबंधों को खारिज करते हुए कहा कि लोगों का फोन करना उनकी सामाजिक जिम्मेदारी है।

Updated on: 08 Aug 2018, 06:24 PM

नई दिल्ली:

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में बुधवार को बिहार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने इस्तीफा देने के बाद आज प्रेस कॉन्फ्रेंस से बात की। इस्तीफे के बाद मंजू वर्मा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मेरे पति एक राजनीतिक कार्यकर्ता हैं और इस जिम्मेदारी के तहत हर किसी का फोन उठाना उनकी जिम्मेदारी है।

मंजू वर्मा ने रेप मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के साथ संबंधों को खारिज करते हुए कहा कि लोगों का फोन करना उनकी सामाजिक जिम्मेदारी है। किसी से फोन पर बात करने से दोष साबित नहीं होता।

उन्होंने कहा कि अगर फोन पर की गई बातचीत को सार्वजनिक कर दिया जाए तो सच्चाई खुद ब खुद सामने आ जाएगी और साफ हो जाएगा कि असल में किसे इस्तीफा देना चाहिए।

मंजू वर्मा ने कहा कि मेरे पति कल भी निर्दोष थे आज भी निर्दोष हैं, किसी से कोई बात करे तो गुनाहगार नही होता। हम सामाजिक लोग कई लोगो से फोन पर बात होती है। मुझ पर नीतीश कुमार ने कोई दबाव नही दिया।

उन्होंने कहा,' सीएम नीतीश कुमार ने मुझसे इस्तीफा नहीं मांगा था बल्कि मैंने खुद ही इस्तीफा दिया था। हमारे खिलाफ साजिश हुई है। मैनें नेता प्रतिपक्ष के बार-बार हल्ला मचाने के कारण खुद इस्तीफा दे दिया।'

इस दौरान उन्होंने सीबीआई की जांच को लेकर भी सवाल उठाए। हालांकि उन्होंने कहा कि मुझे न्यायपालिका और जांच एजेंसियों पर पूरा भरोसा है।

इससे पहले बुधवार को जांच में यह बात सामने आई थी कि बालिका आश्रय गृह में रहने वाली 34 नाबालिग बच्चियों के साथ यौन उत्पीडऩ के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के साथ मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा लगातार संपर्क में थे जिसके बाद मंजु वर्मा ने सीएम से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया।

जांच में यह बात साफ की गई है कि 1 जनवरी से लेकर 1 जून के बीच ब्रजेश ठाकुर और मंजू वर्मा के पति केे बीच एक या दो बार नहीं बल्कि 17 बार बातचीत हुई है।

इससे पहले बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह में लड़कियों के साथ यौनाचार मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने इस मामले में खुद को निर्दोष बताया और कहा कि वह कांग्रेस से चुनाव लड़ना चाहते थे, इस कारण उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है।

मुजफ्फरपुर अदालत में पेश होने आए ठाकुर ने संवाददाताओं से बातचीत में मंजू वर्मा से गहरे रिश्ते से इंकार करते हुए कहा कि उनका समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति से केवल व्यवहारिक संबंध था।

गौरतलब है कि 'सेवा संकल्प एवं विकास समिति' द्वारा संचालित बालिका आश्रय गृह में 34 लड़कियों से रेप की बात एक सोशल ऑडिट में सामने आई थी। बिहार समाज कल्याण विभाग ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की ओर से बिहार के सभी आश्रय गृहों का सर्वेक्षण करवाया था, जिसमें यौन शोषण का मामला सामने आया था। 

इस सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संस्था के संरक्षक ब्रजेश ठाकुर समेत 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

वहीं मुजफ्फरपुर के बाद यूपी के देवरिया और उत्तराखंड के हरदोई में भी शेल्टर होम में बालिका गृह में रहने वाली नाबालिग बच्चियों के साथ यौन उत्पी़ड़न मामले सामने आए हैं। बुधवार को हरदोई में चलाए जा रहे एक एनजीओ द्वारा निराश्रित महिलाओं के लिए स्वाधार गृह में 21 में से 19 महिलाएं गायब होने की खबर सामने आई।

इससे पहले देवरिया मामले में खुलासा तब हुआ जब सोमवार की सुबह एक लड़की किसी तरह से भागकर थाने पहुंची। वहां पहुंचकर लड़की ने जब अपनी आपबीती सुनाई तो वहां मौजूद सभी लोग चौंक गए।

लड़की के बायन के बाद मां विन्ध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं सामाजिक सेवा संस्थान पर छापेमारी की गई जिसमें 42 लड़कियों में से 24 लड़कियों को छुड़ाया गया। संस्था की संचालिका, उसके पति और बेटे को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है।