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अयोध्या मसले पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड नहीं झुकेगा, लड़ेगा पूरी ताकत से मुकदमा

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना वली रहमानी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बाबरी मस्जिद के बदले में कोई चीज नहीं ली जाएगी.

Updated on: 17 Jul 2019, 07:42 AM

highlights

  • गल्फ न्यूज में छपी खबर के बाद अयोध्या मसले से जुड़े लोगों में उबाल.
  • मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने समझौते के कयासों का किया खंडन.
  • फरंगी महली ने भी मध्यस्थता कमेटी से जताई समझौते की उम्मीद.

नई दिल्ली.:

अयोध्या मसले पर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि आसपास के मुस्लिम आबादी वाले कई देशों की भी निगाहें हैं. संभवतः यही वजह है कि खाड़ी देश के एक अखबार में छपी खबर को लेकर अयोध्या विवादास्पद ढांचे के विध्वंस से जुड़े लोगों में उबाल सा आया हुआ है. इस हद तक कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को इस मसले पर एक बयान जारी करना पड़ा है. उसे कहना पड़ा है कि बोर्ड बाबरी मस्जिद पर मजबूती से मुकदमा लड़ेगा और इसके बदले में किसी किस्म का कोई समझौता नहीं करेगा.

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गल्फ न्यूज में छपी खबर के बाद उबाल
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना वली रहमानी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बाबरी मस्जिद के बदले में कोई चीज नहीं ली जाएगी. उनके मुताबिक बोर्ड मध्यस्थता कमेटी से बातचीत में इसलिए शामिल हुआ क्योंकि इसे सुप्रीम कोर्ट ने बनाया है. उन्हें यह बयान खाड़ी देशों के एक प्रमुख अखबार गल्फ न्यूज में छपी खबर के बाद जारी करना पड़ा. अखबार के मुताबिक राम मंदिर विवाद के मुकदमे में मुस्लिम पक्ष समझौते पर विचार कर रहे हैं. अब बोर्ड ने इस खबर को नकारते हुए साफ कर दिया है कि वह मुकदमा लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है और किसी तरह के समझौते की बात नहीं सोची जा रही है.

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फरंगी महली ने भी जताई समझौते की उम्मीद
हाल ही में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा था कि उम्मीद पर दुनिया कायम है और मध्यस्थता कमेटी अगर किसी तरह से इस मसले को हल कराने की उम्मीद बना रही है तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता.

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अदालत में लंबा खिचेगा मसला
उन्होंने कहा कि मध्यस्थता कमेटी अगर इस मामले को हल कर दे तो उससे ज्यादा अच्छा कुछ नहीं हो सकता क्योंकि मामला अगर कोर्ट में चला जाएगा तो फिर वहां कितने साल सुनवाई चलेगी, कहा नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि इसीलिए हम सब सकारात्मक सोच के साथ इंतजार कर रहे हैं कि जब मध्यस्थता कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी तो वह जरूर किसी निर्णय की ओर आगे बढ़ेगी.