logo-image

बीजेपी को शिवसेना का बड़ा झटका, अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा में शामिल होने से किया इंकार

केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से ठीक पहले शिवसेना ने एनडीए को बड़ा झटका देते हुए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान वोटिंग से बाहर रहने का फैसला किया है।

Updated on: 20 Jul 2018, 11:49 AM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से ठीक पहले शिवसेना ने एनडीए को बड़ा झटका देते हुए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान चर्चा और वोटिंग से बाहर रहने का फैसला किया है।

बताया जा रहा है कि शुक्रवार को शिवसेना की संसदीय दल की बैठक में पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने सांसदों को अविश्वास प्रस्ताव पर जारी चर्चा से बाहर रहने का निर्देश दिया है।

पार्टी हाइकमान के फैसले की जानकारी देते हुए संजय राउत ने कहा कि हम एनडीए में जरूर हैं लेकिन हमने अविश्वास प्रस्ताव पर हो रही चर्चा से बाहर रहने और उसके लिए वोट नहीं करने का फैसला किया है।

शिवसेना ने कहा है कि मोदी सरकार ने 2014 में किए गए अपने वादों को पूरा नहीं किया और लोगों के अंदर सरकार के खिलाफ अविश्वास है। 

संजय राउत ने कहा कि मोदी सरकार ने 2014 में जनता से किए गए वादे को पूरा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अविश्वास केवल सदन में नहीं, जनता में भी होता है और हम जनता के साथ हैं।

और पढ़ें: कैश फॉर जॉब घोटाला: बीजेपी सांसद की बेटी समेत 19 अधिकारी गिरफ्तार

गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार को अपने कार्यकाल के दौरान पहली बार ' अविश्वास प्रस्ताव' का सामना करना पड़ रहा है। जहां आज (शुक्रवार) को सदन के पटल पर होने वाले फ्लोर टेस्ट को लेकर मोदी सरकार पूरी तरह से आश्वस्त है वहीं यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने पास संख्या-बल होने का दावा किया है।

क्या है लोकसभा का गणित

अंकगणित के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पास कुल 273 सांसद हैं। वहीं अगर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सभी सहयोगियों को मिला दिया जाए तो आंकड़ा 310 के पार चला जाता है।

वहीं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के पास मात्र 63 सांसद हैं। जबकि अन्य दलों के कुल 157 सासंद है। आंकड़ो के मुताबिक अगर सभी विपक्षी दलों को मिला भी दिया जाए तो भी सरकार के लिए कोई ख़तरा नज़र नहीं आता।

हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि वोटिंग के दौरान एआईएडीएमके के 37 और टीआरएस के 11 सांसद सदन में अनुपस्थित रहेंगे। ऐसे में बीजेपी के लिए कहीं से कोई ख़तरा नज़र नहीं आता।

और पढ़ें: भारत-अमेरिका के साथ प्रस्तावित 'टू प्लस टू वार्ता' 6 सितंबर को, पॉम्पिओ और मैटिस करेंगे भारत दौरा