CAA विरोध में हिंसा फैलाने को बाहर से आया पैसा, विधेयक पास होने के बाद PFI के खातों में 120 करोड़ जमा
नागरिकता संशोधन कानून के बाद देश में हिंसा रातों रात नहीं फैली बल्कि इसे प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया. हिंसा फैलाने के लिए भारी मात्रा में पैसा जमा किया गया. हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का नाम सामने आने के बाद जांच में कई खुलासे हो रहे ह
नई दिल्ली:
नागरिकता संशोधन कानून के बाद देश में हिंसा रातों रात नहीं फैली बल्कि इसे प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया. हिंसा फैलाने के लिए भारी मात्रा में पैसा जमा किया गया. हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का नाम सामने आने के बाद जांच में कई खुलासे हो रहे हैं. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के नाम से 27 बैंक खाते खोले गए. इनमें 9 बैंक खाते रिहैब इंडिया फाउंडेशन के हैं, जो पीएफआई से जुड़े संगठन हैं. इसी संगठन ने 17 अलग-अलग लोगों और संगठन के नाम पर 37 बैंक खाते खोले हैं.
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जांच में सामने आया कि 73 खातों में लगभग 120 करोड़ रुपये जमा किए गए थे, लेकिन बाद में खातों में मामूली राशि छोड़ दी गई थी. पैटर्न के मुताबिक पैसा जमा करने वालों को एक बार में 50 हजार रुपये से कम जमा करने का निर्देश दिया गया था. पीएफआई के 15 बैंक खातों में लेनदेन की तारीखें भी हिंसा की तारीखों से मेल खाती हैं. यह हिंसक विरोध और पीएफआई के बीच एक संबंध बनाता है. जांच में सामने आया कि सीएए पास होने के बाद पीएफआई के 15 बैंक खातों में 4 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं. दिसंबर से जनवरी के बीच पीएफएफ के इन बैंक खातों से 1.34 करोड़ रुपये निकाले गए.
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उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिंसा के आरोप में पीएफआई के 25 सदस्यों को गिरफ्तार किया था. इस मामले में उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने गृह मंत्रालय को पत्र लिख पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. उत्तर प्रदेश में हिंसक प्रदर्शनों के संबंध में राज्य की खुफिया आकलन रपट में खुलासा हुआ था कि आक्रोश तो स्वस्फूर्त था, लेकिन हिंसा ज्यादातर संगठित थी. रिपोर्ट में प्रदेश के सांप्रदायिक रूप से संवदेनशील इलाकों में भीड़ भड़काने, आगजनी, गोलीबारी और बमबारी करने में सिमी के कथित नए रूप पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की भूमिका का भी खुलासा हुआ. खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएफआई की गतिविधियों का नया गढ़ एएमयू बना है. पीएफआई ने 15 दिसंबर को एएमयू परिसर को रणक्षेत्र बनाया और यहां दिनभर छात्रों और पुलिस के बीच हिंसा होती रही थी. पुलिस ने आरोप लगाया कि हिंसा भड़काने में पीएफआई और अन्य स्थानीय मुस्लिम संगठनों ने मुख्य भूमिका निभाई.
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