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फेक न्यूज पर मोदी सरकार की 'सर्जिकल स्ट्राइक', PIB ने उठाया ये कदम

सोशल मीडिया पर फेक न्यूज से लोगों को गुमराह करने और सरकार की छवि खराब करने को लेकर मोदी सरकार ने फैक्च चेक टीम बनाई है. यह टीम सोशल मीडिया पर आने वाली फर्जी खबरों के बारे में लोगों को सही जानकारी देगी.

Updated on: 03 Jan 2020, 02:00 PM

नई दिल्ली:

नागरिकता संशोधन कानून यानि सीएए के खिलाफ सोशल मीडिया पर कई फर्जी और तथ्यहीन खबरें पोस्ट की गई. इसका असर यह हुआ कि कानून के विरोध में देशभर में हो रही हिंसा को और बढ़ावा मिला. अब इस मामले में केन्द्र सरकार का पत्र सूचना कार्यालय (PIB) हरकत में आ गया है. सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही तमाम फर्जी खबरों को रोकने के लिए सरकार ने अपने स्तर से प्रयास शुरु कर दिए हैं. हाल ही में सोशल मीडिया पर कई फर्जी खबरें पोस्ट की गई थीं. इनमें 48 घंटे के लिए इंटरनेट बैन दिए जाने से लेकर डिटेंशन सेंटर आदि की खबरें शामिल थीं. इसी को रोकने के लिए सरकार की ओर से एक टीम बनाई गई है जिसे मिथ बस्टर्स का नाम दिया गया है.

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सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के बाद सरकार की ओर से सोशल मीडिया पर शिकंजा कसना शुरू हो गया था. लेकिन मामला फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन से जुड़ा था इसलिए सरकार इसे पूरी तरह से बैन भी नहीं कर सकती थी. इन्हीं को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सलाह दी कि सरकार अपने स्तर पर ही फेक न्यूज के खिलाफ अभियान चलाए और सच्चाई लोगों के सामने लाए. इसी को देखते हुए प्रेस सूचना कार्यालय ने युवाओं की एक छोटी टीम का गठन कर काम शुरु भी कर दिया.

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ऐसे करें सरकार को शिकायत
सरकार की ओर से फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए एक टीम बनाई है. यह टीम सोशल मीडिया पर चल रही फर्जी खबरों की सच्चाई लोगों के सामने लाने का काम करेगी. इसके साथ ही सरकार ने @PIBfactcheck का नाम से एक ट्विटर हैंडल भी बनाया है. इसके साथ ही 8799711259 नंबर पर वॉट्सऐप और pibfactcheck@gmail.com पर मेल कर भी आप सरकार को फर्जी खबरों की जानकारी दे सकते हैं.