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मोदी सरकार का 'शिक्षकों' को तोहफा, सातवें वेतन आयोग का हुआ विस्तार

मोदी सरकार ने तकनीकी संस्थानों के शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के हिसाब से सैलरी देने का ऐलान किया है.

Updated on: 15 Jan 2019, 10:03 PM

नई दिल्ली:

मोदी सरकार ने तकनीकी संस्थानों के शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के हिसाब से सैलरी देने का ऐलान किया है. यानी अब सभी तकनीकी संस्थानों में कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के मुताबिक सैलरी मिलेगी. इस फैसले से सरकार पर 1242 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा. मंगलवार को मोदी सरकार ने ऐलान किया कि देश के सभी शिक्षकों, शैक्षणिक कर्मचारी, टेक्नीकल इंस्टीट्यूट के कर्मचारियों की वेतन में बढ़ोतरी की जाएगी. उन्हें 7वें वेतन आयोग के मुताबिक सैलरी दी जाएगी.

बता दें कि कुछ राज्य अपने यहां 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को पहले ही लागू कर चुके हैं. हाल ही में महाराष्ट्र ने भी सातवें वेतन आयोग की सिफारिश को मंजूरी दी. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी के फैसले को मंजूरी दी गई, जिससे राज्य के करीब 17 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा, जबकि सरकारी खजाने पर 21,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.

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बता दें कि आज यानी मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सभी शैक्षणिक संस्थानों में सवर्ण आरक्षण लागू किया जाएगा. आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण कोटा शैक्षणिक वर्ष 2019 से सभी शैक्षणिक संस्थानों में लागू किया जाएगा.