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नागरिकता कानून पर छवि सुधारने में जुटी मोदी सरकार, विदेशी मीडिया से करेगी डैमेज कंट्रोल

विदेशी मीडिया में नागरिकता कानून को लेकर आ रही खबरों पर अब सरकार और भाजपा दोनों सक्रिय हो गई हैं. इस मामले का संज्ञान लेते हुए पीएमओ की ओर से विदेश मंत्रालय को निर्देश दिया जा चुका है.

Updated on: 02 Jan 2020, 05:29 PM

highlights

  • विदेशी मीडिया को लेकर पीएमओ ने विदेश मंत्रालय को निर्देश दिया.
  • इस मुहिम की जिम्मेदारी खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर संभाल रहे.
  • प्रवक्ताओं की कमेटी गठित, जो विदेशी मीडिया प्रतिनिधियों से बात करेगी.

नई दिल्ली:

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस कानून को लेकर विदेशी मीडिया में झूठी और भ्रामक खबरें छापी जा रही हैं. विदेशी मीडिया में नागरिकता कानून को लेकर आ रही खबरों पर अब सरकार और भाजपा दोनों सक्रिय हो गई हैं. इस मामले का संज्ञान लेते हुए पीएमओ की ओर से विदेश मंत्रालय को निर्देश दिया जा चुका है. निर्देश में कहा गया है कि विदेशों में स्थित भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास उस देश के मीडिया संस्थानों से संपर्क साधे और इस कानून के संबंध में उन्हें भारत सरकार के विचार से अवगत कराए.

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प्रवक्ताओं की कमेटी गठित
इस मुहिम की जिम्मेदारी खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर संभाल रहे हैं और वही इसकी बारीकी से निगरानी कर रहे हैं. इधर, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने भी विदेशी मीडिया में छवि सुधारने और सरकार के विचारों को उन तक पहुंचाने के लिए प्रवक्ताओं की एक कमेटी गठित की है. प्रवक्ताओं की यह कमेटी विदेशी मीडिया प्रतिनिधियों से बात करेगी और भारत सरकार का पक्ष रखेगी. इस कमेटी का नेतृत्व सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर कर रहे हैं. कमेटी में जीवीएल नरसिम्हा राव और सुधांशु त्रिवेदी को रखा गया है.

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जावड़ेकर मिलेंगे विदेशी मीडियाकर्मियों से
मंत्री जावड़ेकर के मुताबिक, वह जल्द ही विदेशी मीडियाकर्मियों से मिलेंगे और सरकार का पक्ष रखेंगे. सूचना प्रसारण मंत्रालय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुश्किल यह है कि विदेशी मीडिया एक तरफा खबर छाप रही है. ये सरकार से न तो संपर्क साधते हैं और न ही उनका पक्ष छापते हैं. ऐसे में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है, जिसको दूर किया जाना जरूरी है.

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विदेशी मीडिया पेश कर रहा है गलत छवि
गौरलतब है कि नागरिकता कानून बनने के बाद से ही विदेशी मीडिया इस खबर को प्रमुखता से दिखा और छाप रही हैं. सरकार के पास उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, इस्लामी देशों में इस खबर को प्रमुखता से गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. अमेरिका और ब्रिटेन के कुछ मीडिया संस्थानों में भी इस खबर को गलत तरीके से छापा और दिखाया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक सीरिया, तुर्की और पाकिस्तान के जरिए सोशल मीडिया पर गलत सूचनाएं दी जा रही हैं, जो विदेशी मीडिया संस्थानों के खबरों का आधार बन रही हैं.