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Modi VS Mamata : गणतंत्र दिवस के लिए पश्‍चिम बंगाल की झांकी खारिज

मोदी सरकार (Modi Sarkar) और पश्‍चिम बंगाल सरकार (West Bengal Govt) के बीच रिश्‍ते अब तक के सबसे खराब दौर में हैं. दोनों तरफ से एक-दूसरे के लिए आग उगलते बयान दिए जा रहे हैं.

Updated on: 23 Jan 2020, 01:00 PM

नई दिल्‍ली:

मोदी सरकार (Modi Sarkar) और पश्‍चिम बंगाल सरकार (West Bengal Govt) के बीच रिश्‍ते अब तक के सबसे खराब दौर में हैं. दोनों तरफ से एक-दूसरे के लिए आग उगलते बयान दिए जा रहे हैं. दोनों सरकारों के बीच सामान्‍य शिष्‍टाचार पर भी इसका साया पड़ गया है. अब नए साल में इसके और भी बुरे दौरे में पहुंचने की आशंका है. कारण यह है कि गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर पश्‍चिम बंगाल (West Bengal) की झांकी के प्रस्‍ताव को मोदी सरकार की एक्‍सपर्ट कमेटी (Expert Committee) ने खारिज कर दिया है. CAA और NRC को लेकर केंद्र और पश्चिम बंगाल पहले से ही आमने-सामने हैं. ऐसे में झांकी का प्रस्ताव ख़ारिज करने से बात और बढ़ सकती है.

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इस साल के लिए एक्सपर्ट कमेटी ने 16 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और 6 मंत्रालयों की झांकी को मंज़ूरी दी है. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से राज्य में विकास कार्यों, जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण की थीम पर कई प्रस्ताव दिए थे. 2019 में पश्चिम बंगाल की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में शामिल की गई थी. मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी NRC और CAA के खिलाफ पश्चिम बंगाल में लगातार अभियान चला रही हैं. उनका कहना है कि वो किसी भी सूरत में NRC-CAA को अपने राज्‍य में लागू नहीं होने देंगी.

मोदी सरकार और ममता सरकार के बीच संबंध इतने खराब हैं कि उसका खामियाजा पश्‍चिम बंगाल के किसानों को भी भुगतना पड़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को देश के छह करोड़ किसानों को पीएम-किसान सम्मान निधि के तहत दिसंबर महीने की किस्त के रूप में 12,000 करोड़ रुपये जारी कर उन्हें नए साल का तोहफा देंगे, लेकिन पश्चिम बंगाल के किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा. इसका कारण यह है कि पश्‍चिम बंगाल के किसान अब तक पीएम किसान सम्मान निधि योजना से नहीं जुड़ पाए हैं.

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पिछले साल 6 मार्च को पश्‍चिम बंगाल के हल्‍दिया में रैली करने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा था, ममता दीदी फानी तूफान पर भी राजनीति कर रही हैं. दीदी से बात करने को मैंने दो-दो बार प्रयास किए पर उन्‍हें समय नहीं मिला कि वे बात कर सकें. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं इंतजार करता रहा कि शायद दीदी वापस फोन करेंगी, लेकिन उन्होंने फोन नहीं किया. मैं पश्चिम बंगाल के लोगों की चिंता में था इसलिए मैंने दोबारा फोन किया, लेकिन दीदी ने दूसरी बार भी बात नहीं की.