logo-image

मोदी सरकार ने मुकेश मोदी की आदर्श को-ऑपरेटिव सोसायटी पर जड़ा ताला

मुकेश मोदी के परिवार और उनके सहयोगियों ने 120 लाख जमाकर्ताओं से प्राप्त धन का 99 फीसदी फर्जी कंपनियों के 180 खातों में कर्ज के तौर पर निवेश कर दिया.

Updated on: 30 Nov 2019, 10:59 AM

highlights

  • 99 फीसदी फर्जी कंपनियों के 180 खातों में कर्ज के तौर पर निवेश.
  • मुकेश मोदी ने 9,474 करोड़ रुपये की जमा राशि का संग्रह किया.
  • खाताबही में हेराफेरी की और जमाराशि को कर्ज के रूप में दर्शाया गया.

Mumbai:

मोदी सरकार ने एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए शुक्रवार को प्रभावशाली कारोबारी मुकेश मोदी की अगुवाई वाली करोड़ों रुपये की आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (एसीसीएसएल) के देशभर में फैले कारोबार पर ताला लगाने का आदेश दिया. करीब 9,474 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में संलिप्त एसीसीएसएल पर 20 लाख से ज्यादा लोगों द्वारा जमा किए गए धन की हेराफेरी करने का आरोप है. बताते हैं कि गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) और आयकर विभाग की गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसायटीज ने एसीसीएसएल को बंद करने का निर्देश दिया था.

यह भी पढ़ेंः उद्धव ठाकरे सरकार की मुश्किलें बढ़ीं, डिप्टी सीएम पद पर कांग्रेस-एनसीपी में रार

एसीसीएसएल है पंजीकृत सोसायटी
एसीसीएसएल केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सहकारिता विभाग के तहत एक अंतर्राज्यीय सोसायटी के रूप में पंजीकृत है. कथित तौर पर कद्दावर राजनेताओं से संबंध रखने वाले मुकेश मोदी को एसएफआईओ ने उनके सहयोगियों की फर्जी कंपनियों में कर्ज के तौर पर हेराफेरी करने का आरोपी बनाया है ताकि रियल स्टेट में निवेश किया जाए. सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसायटी विवेक अग्रवाल के आदेश के अनुसार, एसीसीएसएल के संस्थापक मुकेश मोदी का संबंध 120 निजी कंपनियों से था. इन 120 कंपनियों में से 43 कंपनियों को सोसायटी की ओर से 2,334.30 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया.

यह भी पढ़ेंः Jharkhand Poll: मतदान के बीच नक्सलियों ने किया हमला, उड़ाया पुल

फर्जी निकली कंपनियां
आरोप है कि ये कंपनियों फर्जी निकली क्योंकि उनके दिए पते पर उनका कोई कारोबारी कार्यकलाप नहीं चल रहा था. एसएफआईओ और आयकर विभाग ने इससे पहले कृषि मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें कहा गया कि मुकेश मोदी (एसीसीएसएल) ने 9,474 करोड़ रुपये की जमा राशि का संग्रह किया था. कर्ज और अग्रिम के तौर पर बकाया राशि 12,433 करोड़ रुपये थी. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 180 कंपनियों व व्यक्तियों को 12,406 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई जिनमें से 122 कंपनियों का पूर्ण नियंत्रण मुकेश मोदी परिवार और उनके रिश्तेदारों के पास था.

यह भी पढ़ेंः Jharkhand First Phase Poll Live: पहले चरण में सुबह 9 बजे तक 11.02 फीसदी मतदान

गैर सदस्यों को दिया कर्ज
रिपोर्ट के अनुसार, एसीसीएसएल के कई जमाकर्ताओं ने अपने बयान में कहा कि उनके द्वारा जमा की गई राशि उनके पासबुक में दर्शाई नहीं गई. जांच के दौरान पाया गया कि खाताबही में हेराफेरी की और जमाराशि को कर्ज के रूप में दर्शाया गया. सीआरसीएस के आदेश के अनुसार, सोसायटी अपने सदस्यों को कर्ज दे सकता है. हालांकि इस मामले में मुकेश मोदी की टीम ने उन कंपनियों को कर्ज दिया जोकि सोसायटी के सदस्य नहीं हैं.

यह भी पढ़ेंः फारूक, उमर, महबूबा की रिहाई पर कोई फैसला नहीं, इंटरनेट प्रतिबंध हटाने पर विचार

एसीसीएसएल के देश भर में 800 सदस्य
देशभर में एसीसीएसएल के 800 सदस्य हैं और सोसायटी ने 31 मार्च 2018 तक 9,349.50 करोड़ रुपये की राशि का संग्रह किया. एसएफआईओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जमा राशि का एक बड़ा हिस्सा मुकेश मोदी और उनके परिवार के सदस्यों की कंपनियों में निवेश किया गया. आदेश के अनुसार, मुकेश मोदी इन अनियमितताओं को लेकर कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए. मुकेश मोदी की सोसायटी व्यक्तिगत लाभ के लिए अपने सदस्यों के पैसे का दुरुपयोग करने में लिप्त पाई गई. रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रकार सोसायटी ने को-ऑपरेटिव के सिद्धांतों और मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटीज एक्ट 2002 के प्रावधानों को उल्लंघन किया.

यह भी पढ़ेंः NZ vs ENG: न्यूजीलैंड की पहली पारी 375 पर ढेर, टॉम लेथम ने जड़ा शतक तो ब्रॉड ने चटकाए 4 विकेट

99 फीसदी फर्जी कंपनियों में निवेश
एसीसीएसएल पिछले साल तब चर्चा में आई जब एसएफआईओ ने इसके प्रबंधन की जांच शुरू की और बाद में दिसंबर 2018 में सोसायटी के प्रबंध निदेशक मुकेश मोदी की गिरफ्तारी हुई. जांच के दौरान पाया गया कि मुकेश मोदी के परिवार और उनके सहयोगियों ने 120 लाख जमाकर्ताओं से प्राप्त धन का 99 फीसदी फर्जी कंपनियों के 180 खातों में कर्ज के तौर पर निवेश कर दिया. आदर्श को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (एसीसीएसएल) के खातों की जांच किए जाने पर फर्जी कंपनियों की संपत्ति का मूल्य सही राशि के मुकाबले से कई गुना ज्यादा पाया गया. गौरतलब है कि मुकेश मोदी, उनके परिवार के सदस्यों और देशभर में फैली कंपनी की शाखाओं के अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न राज्यों में मामले दर्ज.