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सावधान हो जाओ पाकिस्तान और चीन, मोदी सरकार ने वायुसेना को मजबूत करने के लिए उठाया ये कदम

केंद्र सरकार ने वायुसेना के लिए 5,000 करोड़ रुपये की लागत से स्वदेशी आकाश वायु रक्षा मिसाइलों (akash missile) की छह स्क्वाड्रन की खरीद को मंजूरी प्रदान कर दी है.

Updated on: 06 Sep 2019, 06:32 AM

नई दिल्ली:

मोदी सरकार ने वायुसेना (Air force) को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम बढ़ा दी है. केंद्र सरकार ने वायुसेना के लिए 5,000 करोड़ रुपये की लागत से स्वदेशी आकाश वायु रक्षा मिसाइलों (akash missile) की छह स्क्वाड्रन की खरीद को मंजूरी प्रदान कर दी है. इन्हें पाकिस्तान (pakistan) और चीन (China) से लगती सीमाओं पर तैनात किया जाएगा.

सरकारी सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने हाल में वायुसेना के लिए इस परियोजना को मंजूरी दी है. रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को सरकार के इस फैसले की जानकारी वायुसेना को दी.

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आकाश मिसाइल प्रणालियों की संख्या 15 हो जाएगी

आकाश मिसाइलों की खरीद के इस तीन साल पुराने प्रस्ताव की मंजूरी को सैन्य बलों में स्वदेशी मिसाइल प्रणाली की खुले दिल से स्वीकार्यता के तौर पर देखा जा रहा है. इस मंजूरी के साथ ही वायुसेना के लिए मंगाई गईं आकाश मिसाइल प्रणालियों की संख्या 15 हो जाएगी.

उन्होंने बताया कि वायुसेना ने शुरुआत में सिर्फ 2 आकाश प्रणालियों का ऑर्डर दिया था. अब इसे आगे बढ़ाना सिस्टम में विश्वास को दर्शाता है.

इजरायली मिसाइल को भी मात दिया था आकाश ने

पिछले साल हुए अभ्यास में इजरायली समेत अन्य सभी वायु रक्षा मिसाइलों का आकाश मिसाइल प्रणाली के साथ परीक्षण किया गया था और इनमें आकाश का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा था. लिहाजा रक्षा मंत्रालय ने विदेशी प्रणालियों के बजाय आकाश का चयन किया.

रक्षा मंत्रालय द्वारा आकाश मिसाइल को विदेशी प्रणालियों पर भी चुना गया है क्योंकि सरकार ने आकाश का पक्ष लेने के लिए 17,000 करोड़ रुपये से अधिक की सेना के टेंडर निकाले.

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पाकिस्तान अब नहीं कर पाएगा बालाकोट जैसी हिमाकत

27 फरवरी के बाद के बालाकोट हमले के बाद जब पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई शुरू की तो इस तरह के हथियार प्रणाली की जरूरत महसूस होने के बाद वायु सेना के लिए मिसाइल प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है.

अगली बार जब पाकिस्तान इस तरह की कोई भी कोशिश करता है तो उसे वायु सेना के साथ-साथ जमीन से मार करने वाले मिसाइल का सामना करना पड़ेगा.