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पीएम मोदी ने देश को दिया सबसे बड़े ऑयल रिजर्व को तोहफा, संकट के समय आएगा काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को इंडियन स्ट्रेटजिक पेट्रोलियम र्जिव लिमिटेड (आईएसपीआरएल) की 13.3 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाली विशाखापत्तनम स्ट्रेटजिक पेट्रोलियम रिजर्व फैसिलिटी राष्ट्र को समर्पित की

Updated on: 10 Feb 2019, 09:44 PM

गुंटूर:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को इंडियन स्ट्रेटजिक पेट्रोलियम र्जिव लिमिटेड (आईएसपीआरएल) की 13.3 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाली विशाखापत्तनम स्ट्रेटजिक पेट्रोलियम रिजर्व फैसिलिटी राष्ट्र को समर्पित की. 1,125 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस फैसिलिटी के पास देश में सबसे बड़ा भूमिगत भंडारण क्षमता है और इससे देश की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. यह मोदी द्वारा यहां अनावरित तीन मेगा परियोजनाओं में से एक है. प्रधानमंत्री ने कृष्णा-गोदावरी अपतटीय बेसिन पर अमलापुरम में तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड की वशिष्ट और एस1 विकास परियोजना का भी उद्घाटन किया.

परियोजना की लागत करीब 5,700 करोड़ रुपये है. अधिकारियों ने कहा कि यह परियोजना 2020 तक तेल आयात को 10 प्रतिशत तक कम करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी.

मोदी ने कृष्णापट्टनम में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के एक नए टर्मिनल की स्थापना के लिए आधारशिला भी रखी. इसे करीब 580 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा.यह परियोजना नवंबर 2020 तक चालू कर दी जाएगी. यह परियोजना पूरी तरह से स्वचालित और अत्याधुनिक है और पेट्रोलियम उत्पादों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी.

इस अवसर पर मोदी ने कहा कि ये परियोजनाएं न केवल आंध्र प्रदेश के लिए, बल्कि पूरे देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि सरकार विभिन्न स्थानों पर तेल भंडार का निर्माण कर रही है, ताकि देश को आपात स्थितियों में गैस, पेट्रोल और डीजल की कमी न हो.

उन्होंेने कहा, "यह सुनिश्चित करने के लिए काम जारी है कि जरूरत पड़ने पर देश की पेट्रोलियम संबंधित आवश्यकताओं को लगभग एक महीने के लिए पूरा कर लिया जाए." मोदी ने कहा कि ये परियोजनाएं न केवल युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेंगी, बल्कि गैस आधारित उद्योग को भी बढ़ावा देंगी.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार देश के सभी तटीय क्षेत्रों को पेट्रोलियम हब के रूप में विकसित करने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने कहा कि गरीबों, दलितों और आदिवासियों को निशुल्क एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि उज्‍जवला योजना के तहत 6.25 करोड़ निशुल्क कनेक्शन प्रदान किए गए हैं.

प्रधानमंत्री ने जिक्र किया कि देश में एलपीजी कनेक्शन 1955 में शुरू हुए थे. 60 वर्षो में 12 करोड़ कनेक्शन दिए गए थे, लेकिन पिछले साढ़े चार साल में 13 करोड़ नए कनेक्शन दिए गए.

उन्होंने कहा, "देश में 2014 में सिर्फ 55 प्रतिशत लोगों के पास गैस कनेक्शन था और अब यह बढ़कर 90 प्रतिशत हो गया है." इस अवसर पर आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के राज्यपाल ई.एस.एल. नरसिम्हन और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री व नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु मौजूद थे.