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तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान रविशंकर प्रसाद ने गुलाम नबी आजाद को कुछ इस अंदाज में दिया जवाब

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विधेयक शादी पर अधिकारों की सुरक्षा के लिए है, लेकिन असली मकसद परिवारों का विनाश करना है

Updated on: 30 Jul 2019, 08:46 PM

highlights

  • राज्य सभा में तीन तलाक बिल पास
  • गुलाम नबी आजाद औऱ रवि शंकर में तीखी नोंकझोंक
  • पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट पड़े

नई दिल्ली:

तीन तलाक बिल राज्यसभा से भी पास हो गया. बिल को पास कराने में पक्ष में 99 वोट पड़े तो वहीं विपक्ष में 84 वोट पड़े. पिछली बार राज्यसभा में यह बिल पास नहीं हो पाया था. सरकार ने फिर से यह बिल लोकसभा में लेके आई. लोकसभा में पास होने के बाद मंगलवार को यह बिल राज्यसभा में पास हो गया. सदन में चर्चा के दौरान रविशंकर प्रसाद और गुलामनबी आजाद कुछ खासे अंदाज में दिखे.

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बिल पर चर्चा के दौरान सदन के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विधेयक शादी पर अधिकारों की सुरक्षा के लिए है, लेकिन असली मकसद परिवारों का विनाश करना है. उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक रूप से प्रेरित बिल है. पति-पत्नी अपने-अपने लिए वकील हायर करेंगे. वकील को पैसे देने के लिए जमीन बेची जाएगी. जेल का समय खत्म होने पर दोनों दिवालिया हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि जब वे सजा काटकर जेल से बाहर आएंगे. वे या तो आत्महत्या कर लेंगे या चोर और डकैत बन जाएंगे. इस बिल के प्रति आपकी यही मंशा है. उन्होंने कहा कि तीन तलाक बिल में मुस्लिम महिलाएं के लिए कोई सुरक्षा का प्रावधान नहीं है.

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कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कड़े रुख अख्तियार करते हुए एक-एक सवाल का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश में बड़े से बड़े काम किए, लेकिन तीन तलाक बिल पर कांग्रेस क्यों विरोध कर रही है? गुलाम नबी आजाद कांग्रेस का उन दिनों में भी साथ दिया जब कांग्रेस की स्थिति अच्छी नहीं थी. आजाद का बहुत सम्मान है. लेकिन उन्होंने सदन में बहुत कुछ बोला है, इसलिए मैं भी जवाब दे रहा हूं. उन्होंने कहा कि 1986 में कांग्रेस ने 400 सीट जीती थी. शाहबानो केस उसी साल में हुआ था. उसके बाद आपको कभी बहुमत नहीं मिला. उसके बाद 9 लोकसभा चुनाव हुए, उनमें से किसी में भी आपको बहुमत नहीं मिला. सोचिये ऐसा क्यों हुआ? आप 2014 में 44 थे, आज 52 हैं.