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#MeToo: अकबर पर गजाला का पलटवार, कहा- 'झूठ के पांव नहीं होते'

न्यूज वेबसाइट 'द वायर' के लिए लिखने वाली वहाब ने कहा कि अकबर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को संकेत और कल्पना के आधार पर बताया है, जो एक उबाऊ रूढ़ोक्ति है.

Updated on: 16 Oct 2018, 12:21 AM

नई दिल्ली:

विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पत्रकार गजाला वहाब ने सोमवार को कहा, 'हां, झूठ के पांव नहीं होते' और वह बहुत दूर चल नहीं सकता. इससे एक दिन पहले अकबर ने उनके ऊपर लगाए गए यौन-उत्पीड़न के आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताया था और कहा था- 'झूठ के पांव नहीं होते.' न्यूज वेबसाइट 'द वायर' के लिए लिखने वाली वहाब ने कहा कि अकबर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को संकेत और कल्पना के आधार पर बताया है, जो एक उबाऊ रूढ़ोक्ति है.

उन्होंने कहा कि वह या तो झूठ बोल रहे हैं या फिर जब अखबार के कार्यालय के भीतर जहां उत्पीड़न हुआ उस जगह को उन्होंने जब 'बहुत छोटा घनाकार' बताया तो उनकी स्मृति काम नहीं कर रही थी.

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उन्होंने कहा कि सूर्य किरण बिल्डिंग स्थित 'द एशियन एज' के दफ्तर में अकबर का कमरा ध्वनिरोधी था. इससे पहले प्रिया रमानी ने अकबर पर आरोप लगाया था.

विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर की तरफ से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किए जाने के बाद रमानी ने कहा कि अकबर धमकी और उत्पीड़न के जरिए आवाज बंद करने की कोशिश कर रहे हैं.

रमानी ने अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. अकबर पर 'मीटू' अभियान के जरिए यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली कई महिलाओं में प्रिया रमानी भी शामिल हैं. इन महिलाओं का आरोप है कि द एशियन एज और अन्य प्रकाशनों के संपादक की हैसियत से अकबर ने उनका यौन-उत्पीड़न किया.