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जम्मू-कश्मीर में हलचल बढ़ी, सर्वदलीय बैठक के बाद फारुख अब्दुल्ला बोले- कोई कदम ऐसे न उठाएं...

.इस बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला समेत कई क्षेत्रीय नेता पहुंचे. कश्मीर में फैले तनाव को लेकर बैठक हो रही है.

Updated on: 05 Aug 2019, 06:21 AM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर में तीन दिन से मची हलचल को लेकर रविवार को पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. इस बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला समेत कई क्षेत्रीय नेता पहुंचे. कश्मीर में फैले तनाव को लेकर बैठक में चर्चा हुई. बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'मैं दोनों देशों, भारत और पाकिस्तान से अपील करता हूं कि वे ऐसा कोई भी कदम न उठाएं जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़े.' वहीं, कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है.

एनसी नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट में नजरबंद होने का दावा किया है. उन्होंने लिखा, मुझे लगता है कि मुझे आज आधी रात से नजरबंद कर दिया जाएगा और सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के लिए भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. यह पता करने का कोई तरीका नहीं है कि क्या यह सच है. वहीं, कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है.

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इंटरनेट बंद होने की खबर है और कर्फ्यू पास भी जारी किए गए हैं. जाने कल क्या होगा. यह एक लंबी रात है. उन्होंने ट्वीट कर बताया कि उन्हें भी नजरबंद कर लिया गया है.

इसके साथ ही फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि सभी दलों ने एकसुर में फैसला किया कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख के विशेष दर्जे, उसकी पहचान और स्वायत्तता को बचाने के लिए एकजुट रहेंगे, चाहे किसी प्रकार के हमले या और कुछ भी हो. 

इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने एक होटल में सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. लेकिन एडवाइजरी जारी होने की वजह से होटल की बुकिंग कैंसिल करना पड़ा. जिसके बाद फारुख अब्दुल्ला के आवास पर सर्वदलीय बैठक हुई. बताया जा रहा है कि बैठक में पिछले दो सप्ताह में कश्मीर के अंदर 35,000 जवानों की तैनाती पर लेकर चर्चा हुई. इसके साथ ही अनुच्छेद 35 ए को हटाने को लेकर भी बातचीत हुई.

बैठक से पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमने इस देश के लोगों और सरकार को यह बताने का प्रयास किया था कि अगर वे 35ए, 370 के साथ खिलवाड़ करते हैं तो क्या परिणाम हो सकता है. हमने एक अपील भी की, लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से अभी तक कोई आश्वासन नहीं दिया गया है. 

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में गृह मंत्रालय के आदेश के बाद अतिरिक्त सेना की तैनाती की जा रही है. जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि मोदी सरकार घाटी से धारा 35 ए हटाने जा रही है. हालांकि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने साफ कर दिया है कि सेना की तैनाती आतंकवादी हमले और पाकिस्तान की तरफ से हो रही घुसपैठ को रोकने के लिए किया गया है.