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कश्मीर में शहीद सलारिया का सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार, दो महीने की बेटी ने दी मुखाग्नि

अंतिम संस्कार के दौरान उस समय हृदय विदारक दृश्य देखने को मिला जब 26 वर्षीय शहीद जवान को उनकी करीब दो महीने की बेटी परी ने मुखाग्नि दी.

Updated on: 17 Jan 2020, 08:04 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर में हिमस्खलन की चपेट में आने से शहीद हुए सेना के पांच जवानों में से एक रणजीत सिंह सलारिया का शुक्रवार को पंजाब के गुरदासपुर स्थित उनके पैतृक गांव में पूरे सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार के दौरान उस समय हृदय विदारक दृश्य देखने को मिला जब 26 वर्षीय शहीद जवान को उनकी करीब दो महीने की बेटी परी ने मुखाग्नि दी. सलारिया के पिता हरबंस सिंह ने बताया कि परी का जन्म पिछले साल दिसंबर में हुआ था और जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी पर तैनात होने की वजह से उसके पिता ने उसे देखा भी नहीं था.

देश की रक्षा करते हुए वीरगति हासिल करने वाले शहीद रणजीत सिंह सलारिया को उसकी दो महीने की बेटी ने मुखाग्नि दी. गुरुदासपुर निवासी शहीद रणजीत सिंह जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के उरी सेक्टर में तैनात थे. लेकिन हाल ही में आए बर्फीले तूफान की चपेट में आने की वजह से वो शहीद हो गए.

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अधिकारियों ने बताया कि सलारिया का पार्थिव शरीर सिधपुर गांव जब पहुंचा तब बड़ी संख्या में स्थानीय लोग श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए वहां मौजूद थे और वे ‘‘रणजीत सिंह अमर रहे’’ के नारे लगा रहे थे. उन्होंने बताया कि तिरंगे में लिपटा सलारिया का पार्थिव शरीर शमशान भूमि पहुंचा तब गारद सलामी देने के लिए सेना के अधिकारी वहां मौजूद थे.

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सूबेदार मेजर रवि सिंह ने बताया कि सलारिया उन पांच जवानों में थे जो मंगलवार को उत्तरी कश्मीर के माछिल सेक्टर में हिमस्खलन की वजह से चेकपोस्ट में जिंदा दफन हो गए थे. सभी जवानों को बर्फ से निकाल लिया गया लेकिन तमाम कोशिश के बावजूद सलारिया हाइपोथर्मिया के शिकार हो गए. हरबंस सिंह ने बताया, ‘‘ मुझे गर्व है कि मेरा बेटा देश के लिए शहीद हुआ है.’’ उन्होंने बताया कि पिछले साल ही सलारिया की शादी हुई थी. भाषा धीरज नरेश नरेश