मराठा आरक्षण को HC से हरी झंडी मिलने पर अशोक चौहान ने जताई खुशी, कहा- कांग्रेस सरकार की थी देन
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मराठा आरक्षण को हरी झंडी दिखा दी है. हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा मराठाओं को दिए गए आरक्षण को जायज करार दिया है.
highlights
- बॉम्बे उच्च न्यायालय ने मराठा आरक्षण को बरकरार रखा
- कांग्रेस नेता अशोक चौहान ने मराठा आरक्षण पर जताई खुशी
- अशोक चौहान ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने की थी मराठा आरक्षण पर पहल
नई दिल्ली:
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मराठा आरक्षण को हरी झंडी दिखा दी है. हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा मराठाओं को दिए गए आरक्षण को जायज करार दिया है. बॉम्बे हाईकोर्ट के इस फैसले का कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौहान ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने मराठा आरक्षण को लेकर पहल की थी. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चौहान ने कहा, 'हमलोग बहुत खुश है कि मराठा आरक्षण का मामला सुलझ गया. यह तत्कालीन कांग्रेस सरकार थी जिसने इसकी पहल की थी. कुछ कानूनी अड़चनों के कारण, यह मुद्दा उच्च न्यायालय की जांच को पार नहीं कर सका.'
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अशोक चौहान ने कहा, 'हम केवल यह आशा करते हैं कि इस मराठा आरक्षण के साथ धनगर (चरवाहा) और मुस्लिम समुदायों को अन्य दो आरक्षण, जो वर्तमान सरकार द्वारा लंबे समय तक जारी हैं, अगर ये भी हल हो जाए तो तो मुझे लगता है कि राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द का माहौल होगा.
Ashok Chavan, Maharashtra Congress Chief: We only hope that with this Maratha reservation, the other two reservations to Dhangar (shepherd) and Muslim communities, which are prolonged by the present govt, if these are also resolved, I think there'll be communal harmony in state. https://t.co/0X9m48A4g0
— ANI (@ANI) June 27, 2019
बता दें कि हाईकोर्ट ने भले ही मराठा आरक्षण को जायज करार दिया है. लेकिन बॉम्बे उच्च न्यायालय ने प्रस्तावित 16 प्रतिशत आरक्षण को घटाकर शिक्षा के लिए 12 प्रतिशत और नौकरियों के लिए 13 प्रतिशत करते हुए कहा कि अधिक कोटा 'उचित नहीं' था.
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न्यायाधीश रंजीत मोरे और न्यायाधीश भारती डांगरे की खंडपीठ ने यह भी कहा कि सरकार एसईबीसी के लिए एक अलग श्रेणी बनाने और उन्हें आरक्षण देने की हकदार है.
गुरुवार का बहुप्रतीक्षित फैसला राज्य सरकार के नवंबर 2018 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आया, जिसमें एसईबीसी श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को 16 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अदालत के फैसले का स्वागत किया और यह संकेत दिया कि नया कोटा प्रतिशत सरकार को स्वीकार्य है.
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