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नागरिकता बिल पर बोले मनीष तिवारी, विधेयक असंवैधानिक और देश को बांटने वाला

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit shah) ने नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पेश कर दिया है. इस बिल की संवैधानिक वैधता पर लोकसभा में चर्चा हो रही है.

Updated on: 09 Dec 2019, 05:48 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit shah) ने नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पेश कर दिया है. इस बिल की संवैधानिक वैधता पर लोकसभा में चर्चा हो रही है. इस बिल का कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां कड़ा विरोध कर रही है. गृह मंत्री अमित शाह ने बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर जमकर वार किया. जिस पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Manish tiwari) ने पलटवार करते हुए कहा कि हम इस विधेयक के विरोध में हैं. यह बिल बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान के विरुद्ध है.

मनीष तिवार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संधि पर दस्तखत करने की वजह से हमारा कर्तव्य बनता है कि हमारे देश में आने वाले शरणार्थियों को मानवीय आधार पर बिना उनके धर्म या मजहब को देखे उनको शरण दें. यह भारत का मूलभूत सिद्धांत रहा है.

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कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने बताया, 'यह (बिल) भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, अनुच्छेद 15, अनुच्छेद 21, अनुच्छेद 25 और 26 के खिलाफ है. यह विधेयक असंवैधानिक है और समानता के मूल अधिकार के खिलाफ है.

मनीष तिवारी ने अमित शाह के उस बयान का भी पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा कि देश के बंटवारे के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. मनीष तिवारी ने कहा कि मैं यहां साफ करना चाहता हूं कि टू नेशन थ्योरी (दो राष्ट्र सिद्धांत) की नींव 1935 में अहमदाबाद में सावरकर ने हिंदू महासभा के सत्र में रखी थी, न कि कांग्रेस ने.

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इससे पहले नागरिकता संशोधन बिल पर बहस के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि इस बिल में किसी के साथ अन्याय होने की बात पूरी तरह से गलत है. किसी के साथ अन्याय होने का आरोप गलत और निराधार है. नागरिकता बिल हमारे घोषणा पत्र के मुताबिक है. इस बिल के लागू होने के बाद 70 सालों से जिन्हें न्याय नहीं मिला उन्हें नागरिकता बिल से न्याय मिलेगा. अमित शाह ने कहा कि भारत ने शरणार्थियों को हमेशा स्वीकार किया है. भारत ने न सिर्फ उन्हें सम्मान दिया बल्कि ऊंचे पदों तक भी पहुंचाया है.