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फर्जीवाड़ा : 9 साल से फोकट में 'पुलिस-गनर' व सांसद का फर्जी स्टीकर लिए घूम रहा था यह शख्स

पुलिस के मुताबिक दोनों मास्टर माइंड भाइयों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दो आपराधिक मामलों का खुद को झूठा गवाह साबित कर दिया था. यह सब भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ही किया गया.

Updated on: 20 Nov 2019, 10:22 PM

नई दिल्ली:

पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के सामने खुद को फर्जी तरीके से हत्या के मामले का चश्मदीद साबित किया. सिर्फ इसलिए ताकि दादागीरी में ठसक बरकरार रखी जा सके. फिर कीमती कार पर सांसद का फर्जी कार-पार्किं ग स्टीकर चिपका लिया. तमाम पढ़े-लिखों को कई साल तक इस सबके बलबूते मूर्ख बनाने का जुगाड़ चलता भी रहा. अचानक हरियाणा की एक महिला शिकायतकर्ता ने जालसाजी का भंडाफोड़ करवा दिया. फिलहाल नोएडा पुलिस ने इस जालसाज को गिरफ्तार कर लिया है.

यह जानकारी बुधवार को गौतमबुद्ध नगर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने मीडिया को दी. गिरफ्तार जालसाज का नाम अजय यादव पुत्र भोले यादव निवासी सफार्बाद गांव (नोएडा) है. हालांकि इस मामले में अजय के भाई अरुण यादव की भूमिका भी संदिग्ध है. पुलिस के मुताबिक दोनों मास्टर माइंड भाइयों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दो आपराधिक मामलों का खुद को झूठा गवाह साबित कर दिया था. यह सब भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ही किया गया. इसके बाद दोनों भाइयों ने अपनी जान को खतरा बताते हुए इलाहबाद हाईकोर्ट से सुरक्षा के आदेश जारी करवा लिए. उच्च न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने दोनों को पुलिस-गनर मुहैया करावा दिए. पुलिस सुरक्षा का सारा खर्च सरकार ने अपने जिम्मे ले लिया.

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पुलिस को मिली शिकायत और दर्ज एफआईआर के मुताबिक, 'बीते दिनों अजय यादव और अरुण यादव (दोनो भाई) के खिलाफ गुरुग्राम में रहने वाली उन्ही की एक महिला रिश्तेदार ने एसएसपी गौतमबुद्धनगर वैभव कृष्ण से 'जनता-दरबार' में पूरे मामले की लिखित शिकायत देकर भंडाफोड़ कर दिया. शिकायत के आधार पर जब पुलिस ने शिकंजा कसा तो पता चला कि बरामद कार का नंबर भी फर्जी है. अजय यादव के पास से जब्त फॉरच्यूनर कार का असली नंबर यूपी-14 डीडी-1111 है, जबकि जालसाज ने फर्जी नंबर यूपी-16टीसी-0003 लगा रखा था. जबकि कार के शीशे के ऊपर 17वीं लोकसभा सांसद का स्टिकर लगा रखा है. यह सब किसलिए किया गया? इसके बाबत नोएडा पुलिस ने सेक्टर-49 थाने में आपराधिक मामला दर्ज करके पड़ताल शुरू कर दी है.

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