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बंगाल में हो तो बांग्ला भाषा बोलनी ही पड़ेगी, ममता दीदी का नया तुगलकी फरमान

उन्होंने कहा मैं जब बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब जाती हूं तो वहीं की भाषा में लोगों से बात करती हूं. ऐसे में यदि आप बंगाल में हैं तो आपको बांग्ला भाषा ही बोलनी पड़ेगी.

Updated on: 14 Jun 2019, 03:47 PM

highlights

  • अब ममता बनर्जी ने कहा है कि बंगाल में रहने वालों को बांग्ला बोलनी ही पड़ेगी.
  • साथ ही बाइक पर धूमने वालों को भी दी संयम में रहने की चेतावनी.
  • इस बयान के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खड़ा किया नया विवाद.

नई दिल्ली.:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अभी हड़ताली डॉक्टरों को शांत कर नहीं पाई थीं कि उन्होंने एक नया तुगलकी फरमान जारी कर नया विवाद खड़ा कर दिया है. इस नए फरमान में उन्होंने बंगाल से बाहर के लोगों से कहा है कि अगर उन्हें बंगाल में रहना है, तो बांग्ला भाषा बोलनी ही पड़ेगी. यही नहीं, उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि वे ऐसे आपराधिक तत्वों को अब और सहन नहीं करेंगी, जो बाइक पर घूम-घूम कर राज्य को बदनाम कर रहे हैं.

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दीदी ने कहा बंगाल की अस्मिता की बात है
ममता बनर्जी ने कहा कि यह हमारा दायित्व है कि अब हम बंगाली अस्मिता को आगे बढ़ाएं. उन्होंने कहा, 'मैं जब बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब जाती हूं तो वहीं की भाषा में लोगों से बात करती हूं. ऐसे में यदि आप बंगाल में हैं तो आपको बांग्ला भाषा ही बोलनी पड़ेगी. मैं अब उन आपराधिक तत्वों को और बर्दाश्त नहीं करूंगी जो बंगाल में रहते हैं और बाइक पर घूम-घूम कर राज्य को बदनाम कर रहे हैं.'

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बीजेपी के कार्यकर्ताओं को है छिपी चेतावनी
माना जा रहा है कि राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने कथित बीजेपी कार्यकर्ताओं को निशाना बना कर ही यह चेतावनी जारी की है. गौरतलब है कि चुनावी हिंसा में मारे जा रहे लोगों पर तृणमूल कांग्रेस का यही कहना है कि बाहर से आए लोग ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. हालांकि बीजेपी का साफतौर पर कहना है कि राज्य में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. टीएमसी के कार्यकर्ता पुलिस प्रशासन की शह पर राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रहे हैं.

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डॉक्टरों को भी दिला चुकी हैं गुस्सा
यहां यही भी नहीं भूलना चाहिए कि ममता बनर्जी के अनर्गल बयानों से डॉक्टरों की हड़ताल तूल पकड़ती जा रही है. गुरुवार को उन्होंने अल्टीमेटम देते हुए हड़ताली डॉक्टरों से 4 घंटे में काम पर लौटने को कहा था. अन्यथा अंजाम भुगतने की चेतावनी दी थी. इस तुगलकी बयान पर डॉक्टरों में खासा आक्रोष था. उसे भांप कर देर शाम ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से अपील करते हुए मासूम मरीजों के इलाज में कोताही नहीं बरतने की अपील की थी.

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देश भर के डॉक्टर साथ आए बंगाल के हड़ताली डॉक्टरों के
हालांकि तब तक बहुत देर हो चुकी थी औऱ हड़ताली डॉक्टरों ने भी अपने तेवर कड़े कर लिए थे. सीएम के बयान की प्रतिक्रिया में देश भर के डॉक्टरों का समर्थन बंगाल के हड़ताली डॉक्टरों को मिलने लगा था. आलम यह है कि शुक्रवार को हैदराबाद से लेकर दिल्ली और मुंबई से लेकर कानपुर तक डॉक्टर उनके समर्थन में हड़ताल पर हैं. कहीं कोई हेलमेट बांध कर मरीजों को देख रहा है, तो कहीं कोई हाथ में काली पट्टी बांध कर. यहां तक कि बंगाल के बुद्धिजीवी भी ममता बनर्जी से अपील कर रहे हैं कि वह हड़ताली डॉक्टरों से नरमी के साथ पेश आएं.