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मद्रास हाईकोर्ट ने शशिकला पुष्पा के खिलाफ एआईएडीएमके की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

मद्रास उच्च न्यायालय ने एआईएडीएमके की उस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है जिसमें कहा गया था राज्यसभा सांसद शशिकला की याचिका को खारिज कर दिया जाए।

Updated on: 23 Dec 2016, 11:30 PM

नई दिल्ली:

मद्रास उच्च न्यायालय ने एआईएडीएमके की उस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है जिसमें कहा गया था राज्यसभा सांसद शशिकला की याचिका को खारिज कर दिया जाए। सांसद शशिकला ने दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की सहयोगी वी के शशिकला को पार्टी महासचिव नियुक्त करने से रोकने के लिये याचिका दायर की थी।

एआईएडीएमके ने कोर्ट से मांग की थी कि राज्यसभा सांसद शशिकला पुष्पा ने की याचिका को खारिज कर दिया जाए।

न्यायमूर्ति के कल्याणसुंदरम ने एआईएडीएमके के प्रेसिडियम चेयरमैन ई मधुसूदन के आवेदन पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। उससे पहले अदालत ने पुष्पा और उनके पति लिंगेश्वर थिलगन और एआईएडीएमके के वकीलों की दलीलें सुनीं।

पुष्पा ने अपनी अर्जी में कहा है कि एआईएडीएमके के उपनियमों के मुताबिक महासचिव पद का चुनाव लड़ने की पहली योग्यता के अनुसार उम्मीदवार का लगातार पांच साल तक पार्टी का प्राथमिक सदस्य रहना ज़रूरी है और शशिकला इस नियम पर खरा नहीं उतरतीं।

एआईएडीएमके के वकील ने अदालत पहुंचने के पुष्पा की हैसियत पर सवाल उठाया था क्योंकि वह पहले ही पार्टी से बर्खास्त कर दी गयी हैं, तब पुष्पा के वकील ने कहा कि पार्टी से निष्कासन की जानकारी आधिकारिक संवाद से अलग है।

जब एआईएडीएमके के वकील ने कहा कि क्यों पुष्पा ने पार्टी से निकाले जाने को चुनौती क्यों नहीं दीं, तो उके वकील ने कहा कि जब निष्कासन का आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया था ऐसे में उसे चुनौती नहीं दी जा सकती है।