logo-image

मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पर लगाई रोक

तमिलनाडु में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच मद्रास हाईकोर्ट ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है।

Updated on: 20 Sep 2017, 02:22 PM

नई दिल्ली:

तमिलनाडु में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच मद्रास हाईकोर्ट ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है।

ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के टी.टी.वी. दिनाकरन गुट ने विधायकों को निलंबित किये जाने संबंधी फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर रोक लगा दी है। इस मामले में अब 4 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी।

टीटीवी दिनाकरण की ओर से बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि स्पीकर का आदेश न्याय के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि विधायकों को अधिकार है कि वह मुख्यमंत्री से सपोर्ट वापस ले सकें।

तमिलनाडु विधानसभा के अध्यक्ष पी. धनपाल ने सोमवार को टी.टी.वी. दिनाकरन समर्थक 18 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था।

विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री ई.पलानीसामी-पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले एआईएडीएमके के धड़े को सदन में शक्ति परीक्षण की स्थिति से निपटने में बड़ी राहत मिल सकती थी।

जिसे देखते हुए दिनाकरन ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

दिनाकरन ने कहा कि यह फैसला बहुमत हासिल करने का 'शार्ट कट' है। उन्होंने कहा था, 'हमें उम्मीद है कि हमें स्टे मिलेगा। न्याय की जीत होगी। धोखाधड़ी कभी जीत नहीं सकती।'

और पढ़ें: चिदंबरम बोले, AIADMK की सरकार को बचाने के लिए अयोग्य घोषित किए MLAs

दिनाकरन ने मौजूदा हालात के लिए राज्यपाल को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि सरकार के पास बीते महीने से बहुमत नहीं था। उन्होंने कहा कि इस सरकार को हटाने के बाद हम चुनाव में बहुमत हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि अभी उन्हें 21 विधायकों का खुला समर्थन हासिल है और इनके अलावा 10-12 उन्हें खामोशी से समर्थन दे रहे हैं।

राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने सोमवार को दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी। उम्मीज जताई जा रही थी की वह विधानसभा का विशेष सत्र बुला कर मुख्यमंत्री को बहुमत साबित करने के लिए कहेंगे।

क्या है सीटों का समीकरण

विधायकों की सदस्यता रद्द होने से 234 सदस्यीय विधानसभा (पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन से रिक्त सीट अभी खाली है) की संख्या घटकर 215 हो गई है। ऐसे में बहुमत के लिए 109 सदस्यों के समर्थन की जरूरत रह गई है और मुख्यमंत्री ई. पलनीस्वामी का दावा है कि उन्हें 114 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।

234 सीटों वाली तमिलनाडु विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 117 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होती है।

और पढ़ें: नाभा जेल ब्रेक मामले में IG पर आरोप, 45 लाख रु. घूस लेकर मास्टरमाइंड को छोड़ा