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मध्य प्रदेशः कर्ज माफी की मांग कर रहे किसानों पर पुलिस ने चलाई गोली, दो की मौत चार घायल

कर्ज माफी और अपनी फसल के वाजिब दाम की मांग को लेकर किसानों के आंदोलन पर पुलिस ने गोलियां चलाई। जिसमें दो किसानों की मौत हो गई।

Updated on: 06 Jun 2017, 03:48 PM

highlights

  • मध्य प्रदेश में किसानों पर पुलिस ने चलाई गोलियां दो की मौत
  • आंदोलन के बाद मंदसौर में इंटरनेट सेवाओं को किया गया बंद

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश में कर्ज माफी और अपनी फसल के वाजिब दाम की मांग को लेकर किसानों के आंदोलन पर पुलिस ने गोली चलाई है। गोलीबारी में दो किसानों की मौत हो गई है, जबकि चार घायल हो गए।

किसानों के इस आंदोलन के बाद मंदसौर, रतलाम और उज्जैन जिले में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। इस बीच किसान संगठन ने राज्य भर में बंद बुलाया है।

हालांकि मध्य प्रदेश के गृह मंत्री ने फायरिंग की घटना से इनकार किया है। गृह मंत्री ने कहा, 'पुलिस द्वारा कोई फायरिंग नहीं हुई है। फायरिंग की जांच के आदेश दिए गए हैं। सरकार द्वारा न इंटरनेट बंद किया गया है और नहीं कोई कर्फ्यू लगाया गया है।'

फसल की वाजिब दाम की मांग को लेकर हड़ताल मंगलवार को छठे दिन भी जारी है। बीती रात मंदसौर जिले में किसान रेलवे क्रांसिंग गेट तोड़कर पटरी पर आ गए। मंदसौर के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सोमवार की देर रात को दालोद पुलिस चौकी क्षेत्र में किसानों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया और रेलवे क्रासिंग गेट को नुकसान पहुंचाया।

किसानों को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। पुलिस ने कुछ किसानों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें हिरासत में भी लिया है।

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जिलाधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि स्थिति सामान्य है और सुरक्षा बल को तैनात किया गया है। जब उनसे जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद किए जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।

इसके अलावा इंदौर की चौइथराम मंडी क्षेत्र में भी किसान विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हुए। वहीं प्रशासन ने सुरक्षा को देखते हुए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। राज्य के अन्य हिस्सों से भी किसानों ने अपनी हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है।

बता दें कि राज्य के किसान एक जून से 10 जून तक हड़ताल पर हैं। उनकी मांग कर्ज माफी व फसल का उचित दाम मिले। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से आठ रुपये प्रति किलो प्याज खरीदने के साथ एक हजार करोड़ का मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाने का ऐलान किया है।

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भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद आंदोलन को रविवार को स्थगित कर दिया था, मगर भारतीय किसान यूनियन, आम किसान यूनियन ने हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है। इस हड़ताल को राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ का भी समर्थन मिल गया है।

किसानों की हड़ताल के चलते राजधानी में दूध की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। वहीं कई स्थानों पर दूध महंगे दाम पर बिक रहा है। इसी तरह के हालात कई अन्य इलाकों में भी है, क्योंकि सब्जियां मंडी तक और दूध दुग्ध केंद्रों तक नहीं पहुंच पा रहा।

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