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प्रतियोगी छात्रों के हंगामे के बाद UPPSC ने किया बड़ा फैसला, 10 भर्ती परीक्षाएं स्थगित

छात्रों के बढ़ते हंगामे को देखते हुए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की ओर से सहायक अभियोजन अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा 2018 समेत जुलाई से दिसंबर के बीच होने वाली आठ भर्ती परिक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है.

Updated on: 01 Jun 2019, 09:55 AM

नई दिल्ली:

एलटी ग्रेड भर्ती परीक्षा का होने के पेपर लीक मामले को लेकर आक्रोशित छात्र अब सड़कों पर उतर आए हैं. छात्रों के बढ़ते हंगामे को देखते हुए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की ओर से सहायक अभियोजन अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा 2018 समेत जुलाई से दिसंबर के बीच होने वाली आठ भर्ती परिक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है. एपीओ प्री-18 की परीक्षा नौ जून को होने वाली थीं, जिसे अब टाल दिया गया है. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के इस फैसले के बाद 17 जून से शुरू होने वाली पीसीएस, एसीएफ एवं आरएफओ मुख्य परीक्षा 2018 स्थगित कर दी गई है. गौरतलब है पिछले दो दिन के अंदर आयोग ने 10 परीक्षाओं को स्थगित किया है. वहीं जानकारी के अनुसार प्रतियोगी छात्र आयोग के बाहर आज भी प्रदर्शन कर सकते हैं. यूपी लोक सेवा आयोग के बाहर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.

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बता दें एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर आउट होने के मामले में यूपी लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार को क्राइम ब्रांच और पुलिस की संयुक्त टीम ने गुरुवार को वाराणसी से गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद उन्हें पुलिस अभिरक्षा में साढ़े आठ बजे विशेष न्यायधीश भ्रष्टाचार निवारण लालचंद्र के आवास पर पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जिला जेल भेज दिया गया. अंजू के करीबियों पर भी अब शिकंजा कसने की तयारी है.

गौरतलब है कि 29 जुलाई 2018 को वाराणसी में आयोजित एलटी ग्रेड परीक्षा के हिंदी व सामाजिक विज्ञानं का पेपर आउट हुआ था. कोलकाता निवासी अशोक देव चौधरी से पश्चिम बंगाल सीआईडी को मिली इस जानकारी के आधार पर यूपी एसटीएफ ने 27 मई को कोलकाता निवासी प्रिंटिंग प्रेस मालिक कौशिक कुमार को चोलापुर से गिरफ्तार किया. एलटी ग्रेड परीक्षा के पेपर उसके प्रेस में ही छपे थे. उसने बताया कि प्रति अभ्यर्थी 5 लाख लेकर उसने 28 जुलाई 2018 को पेपर सॉल्वर गैंग के पास बनारस भिजवाया था. इस काम में अंजू की मिलीभगत थी और उसने उन्हें 26 मई को 10 लाख रुपए दिए थे. इसके अलावा जब भी लोक सेवा आयोग के पेपर छापते थे तो मिलने वाली रकम में वह 5 प्रतिशत कमीशन अंजू को देता था.