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लोकसभा की कार्रवाई को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कही ये बड़ी बात

ओम बिरला ने कहा कि इस बार की संसद की कार्रवाई सुचारू रूप से चलाना एक चुनौती थी. इसबार संसद की कार्रवाई बिना किसी बाधा के चलने से एक अच्छा संदेश देश में गया है.

Updated on: 10 Aug 2019, 02:57 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने कहा है कि लंबी चली लोकसभा की कार्रवाई सफलतापूर्वक चलने के लिए सभी बधाई के पात्र हैं. उन्होंने कहा कि मीडिया ने भी अच्छा सहयोग किया है और उनके लिए भी यह लोकसभा सत्र आनंदित रहा है. सभी राजनीतिक दल, सत्तापक्ष और प्रतिपक्ष ने सदन चलाने में सकारात्मक सहयोग किया है. उन्होंने मीडिया की तारीफ करते हुए कहा कि मीडिया संसदीय लोकतंत्र का अभिन्न अंग है जिसने बेहतरीन भूमिका निभाई है.

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संसद की कार्रवाई सुचारू रूप से चलाना चुनौती थी
हालांकि उन्होंने कहा कि इस बार की संसद की कार्रवाई सुचारू रूप से चलाना एक चुनौती थी. इसबार संसद की कार्रवाई बिना किसी बाधा के चलने से एक अच्छा संदेश देश में गया है. इस बार अधिकतर सांसदों ने अपने क्षेत्र की आवाज सदन में उठाई है. सभी सांसदों ने अनुशासन, नियम और प्रक्रिया का विशेष ख्याल रखा. उन्होंने कहा कि 1952 से लेकर अभीतक का ये सबसे सफल संसद सत्र रहा है. इस बार संसद को पेपरलेस बनाने की दिशा में कदम आगे बढ़ाया गया है. उन्होंने कहा कि 80 फीसदी सांसदों ने संसद को पेपरलेस बनाने पर अपनी सहमति दी है, जिससे करोड़ों रुपये की बचत होगी.

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विधेयक को पारित कराने में विपक्ष की सकारात्मक भूमिका
उन्होंने कहा कि 1992 में 67 दिन सत्र चला था और इसमें 32 बिल प्रस्तावित हुए थे जिसमें से 27 पारित हुए थे. देश की जनता में इस सत्र से एक सकारात्मक संदेश गया है. सभी राजनीतिक दल अपने विचारधारा को देशहित में रखना चाहिए. कई विधेयक सर्वसम्मति से पारित हुए इसके लिए विपक्ष बधाई का पात्र है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन निर्माण को लेकर आग्रह किया है. भारत की संसद की गरिमा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करने के प्रयास किए जाएंगे.

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अगले संसद सत्र को प्रभावी बनाने के प्रयास किए जाएंगे
अगला संसद का सत्र और ज्यादा प्रभावी हो इसके प्रयास किए जाएंगे. इस बार हर बिल पर सभी को चर्चा करने का पूरा मौका दिया और हर व्यक्ति को चर्चा में भाग लेने का मौका मिला है. उन्होंने कहा कि सभी राज्य के विधानसभा अध्यक्षों को इसी माह बुलाकर स्पीकर कॉन्फ्रेंस की जाएगी. ऑनलाइन सिस्टम, लाइब्रेरी, सत्र के विधायी कार्य के बारे में सूचनाओं का आदान प्रदान होगा.

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शून्य काल में उठाए गए विषय राज्य और केंद्र के होते है, इसमें जवाब संबंधित विभाग की ओर से समयबद्ध देना सुनिश्चित किया जाएगा. सदन की कार्रवाई बाधित न हो यह हर लोकसभा सदस्य चाहता है, सबके सहयोग से ही सदन सुचारू चलता है. इसबार 72 घंटे अतिरिक्त कार्य हुआ है, अर्थात 6 दिन और चला है. 161 सदस्य रात्रि 12 बजे तक उपस्थित रहे थे. नए संसद भवन के विषय में कई स्तर पर सुझाव मांगे गए हैं. आधुनिक तकनीक से युक्त भवन अवश्य जल्द बनेगा. 1952 से अभी तक कार्रवाई के दौरान अच्छे भाषण का संग्रह बनाया जाएगा.