आर्थिक आधार पर सवर्णों को 10% आरक्षण का बिल लोकसभा से पास, पीएम मोदी ने बताया ऐतिहासिक
केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इस बिल के आने से आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के लोगों को शिक्षण संस्थानों में दाखिला और नौकरी पाने में मदद मिलेगी.
नई दिल्ली:
आर्थिक आधार पर सवर्णों को आरक्षण देने वाला विधेयक संविधान (124 संशोधन) बिल 2019, 323 मतों के साथ लोकसभा में पास हो गया है. बुधवार को राज्यसभा में इस विधेयक को पेश किया जाएगा. बता दें कि राज्यसभा का शीतकालीन सत्र एक दिन के लिए बढ़ाया गया है. मोदी सरकार को उम्मीद है कि इस बिल को वहां भी पास होने में दिक्कत नहीं होगी. केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इस बिल के आने से आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के लोगों को शिक्षण संस्थानों में दाखिला और नौकरी पाने में मदद मिलेगी.
पीएम मोदी ने इस बिल के लोकसभा में पास होने पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, 'यह भारत के इतिहास के लिए एक युगांतकारी क्षण है. यह प्रक्रिया समाज के सभी वर्ग के लोगों के बीच समानता लाने के लिए एक प्रयास है.'
पीएम मोदी ने इस मौक़े पर सभी पार्टी के सांसदों का धन्यवाद करते हुए कहा कि 'हमलोग पूरी तरह से सबका साथ सबका विकास के सिद्धांत को लागू करने के लि प्रतिबद्ध है. हमारा लक्ष्य है कि सभी ग़रीब लोगों तक भरपूर संभावना के मौक़े पहुंचे.'
वहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस विधेयक के लोकसभा में पास होने पर कहा कि समाजिक समरसता को ध्यान में देखते हुए इस बिल को लाया गया है. इस बिल से उन लोगों को फ़ायदा होगा जो अब तक इससे वंचित थे. उन्होंने कहा, 'यह एक ऐतिहासिक बिल है. वैसे लोग जो अब तक आरक्षण का फ़ायदा नहीं ले पा रहे हैं उन्हें अब फ़ायदा मिलने वाला है. काफी समय पहले से लोग इसकी मांग कर रहे थे. यह बिल राष्ट्र हित में लाया गया है. मुझे भरोसा है कि यह बिल राज्यसभा में भी पास हो जाएगा.'
वहीं लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने बिल पास होने को लेकर कहा, 'मुझे काफी अच्छा महसूस हुआ क्योंकि मेरे बच्चे हमेशा मुझसे पूछते थे कि हमारा क्या, आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों का क्या? क्या सिर्फ जाति है मायने रखती है? आज कई सवालों का जवाब मिल गया. यह लंबे समय में काफी फ़ायदेमंद रहने वाले है.'
इससे पहले केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने बिल लोकसभा में पेश करते हुए कहा कि जो भी जाति एससी, एसटी और ओबीसी में नहीं आती है, उन्हें सामान्य वर्ग आरक्षण का लाभ मिलेगा. साथ ही हर धर्म के गरीबों को सामान्य आरक्षण वर्ग में लाभ मिलेगा. इसमें पटेल, जाट, मुस्लिम, ईसाई और अन्य सभी धर्म के गरीबों को लाभ मिलेगा. गहलोत ने कहा कि एससी-एसटी और ओबीसी के 49.5 फीसदी आरक्षण में कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी.
यह कोटा मौजूदा 50 प्रतिशत आरक्षण से अलग होगा. आरक्षण का लाभ उन्हें मिलने की उम्मीद है जिनकी वार्षिक आय आठ लाख रूपये से कम होगी और 5 एकड़ तक जमीन होगी.
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बता दे कि सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने वाला संविधान 124वां संशोधन विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने संविधान (124 वां संशोधन) विधेयक, 2019 पेश किया. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को ही इसे मंजूरी प्रदान की है.
लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मंगलवार को शीत सत्र की समाप्ति के बाद सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया. महाजन ने कहा कि लोकसभा ने कुल 16 विधेयक पारित किए जिसमें नागरिक संशोधन विधेयक, मुस्लिम महिला सुरक्षा विधेयक और संविधान संशोधन विधेयक (जिसे आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को सामान्य श्रेणी में नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण देने के लिए पेश किया गया), सरोगेसी (नियमन) विधेयक और ग्राहक सुरक्षा विधेयक समेत अन्य शामिल थे.
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शीत सत्र के दौरान सदन की 17 बैठकें हुई, जिसकी शुरुआत 11 दिसंबर से हुई थी।
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